सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अमन संस्था की ओर से सेवित क्षेत्र दौलाघट में महिला दिवस के कार्यक्रमों की श्रंखला में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महिलाओं ने कार्यक्रम का खुद संचालन किया और कई कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इस दौरान, कविता, नाटक समूह गान और झोड़ों का भी आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में रणखीला, पठ्यूरा, डांगीखोला, केस्ता, सिलानी, वजगल सहित आस—पास के गांवों की सैकड़ों महिलाओं ने शिरकत की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमन के मुख्य संयोजक रघु तिवारी ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए जागरुक होना होगा और अपने गांव और परिवेश से ही जागरुकता की शुरुआत करनी होगी तभी इस प्रकार के कार्यक्रमों की सार्थकता है।
इस मौके पर नीलिमा भट्ट ने वर्तमान परिदृश्य में भी महिलाओं की स्थिति पर आंकड़ों के साथ प्रकाश डाला कि आज भी महिलाओं के साथ जिस प्रकार की हिंसा, घरेलू हिंसा और दोयम दर्जें के व्यवहार की घटनाएं प्रकाश में आती हैं वह 21 सदी के समाज के लिए चिंतनीय है। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से अपने बच्चियों के साथ निरंतर संवाद रखने और बच्चों में किसी भी प्रकार का लैगिक भेदभाव नहीं करने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन विमला ने किया। इस मौके पर रजनी, हेमंती, आरती डांगी, अंजू, अनिल, सामाजिक कार्यकर्ता नीलम डांगी, गीता देवी, मंजू देवी सहित विभिन्न गावों से आई महिलाएं मौजूद थे। महिलाओं द्वारा कविताएं, एकल गायन, सामुहिक गायन और जागरुक नाटक प्रस्तुत किए। इसके बाद सभी महिलाओं ने कुमांऊनी झोड़े प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन विमला और कविता देवी ने किया।