बड़ी ख़बर : बिना सत्यता जांचे कुंभ मेले को कोरोना का Super spreader बताना एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा, आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद ने जारी किया Tweet, देखिये वीडियो

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कुंभ मेले को लेकर हो रही बयानबाजी पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए इसे कुंभ को बदनाम करने…

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कुंभ मेले को लेकर हो रही बयानबाजी पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए इसे कुंभ को बदनाम करने का आरोप लगाया है। ज्ञात रहे कि गत दिवस भाजपा ने कांग्रेस पर एक सुनियोजित साजिश ‘टूल किट’ का इस्तेमाल कर कुंभ को बदनाम करने का आरोप लगाया था। एएनई में जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज का बयान ट्वीट किया गया है।

जिसमें आचार्य कह रहे हैं कि कुंभ को बदनाम करके भारत की संस्कृति सभ्यता और विश्वसास को सुनियोजित ढंग से धूमिल करने का प्रयास हुआ है।

अपने Twitter handle पर जारी की गई वीडियो संदेश में स्वामी अवधेशानंद ने कुंभ की महत्ता से बात शुरू करते हुए कहा, “भारतीय संस्कृति, संस्कार, सभ्यता उसकी संवेदनाएँ अगर कहीं एक साथ दिखाई देती हैं तो वो कुंभ का महापर्व है। कुंभ पर्व केवल हिंदुओं का नहीं है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था UNESCO ने उसे सांस्कृत धरोहर के रूप में भी घोषित किया है।”

Toolkit पर उन्होंने कहा कि, “एक टूलकिट के द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि कुंभ के मेले से Corona infection फैल गया। आंकड़ों की सत्यता को पहचानिए। जब कुंभ का मेला चल रहा था। तब अन्य प्रदेशों में कोविड की अधिक प्रचंडता थी। ऐसी Uttarakhand में नहीं थी या कुंभ के अवसर पर नहीं थी। एक सुनियोजित ढंग से भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार अथवा हमारी पर्व परंपरा, मूल्यों पर, विशेषत: हमारी सांस्कृतिक निष्ठा पर प्रहार किया जा रहा है।”

स्वामी अवधेशानंद ने ऐसे प्रयासों को निंदा करते करते हुए कहा कि, “इस तरह अन्य मतों को और धर्मावलंबियों को प्रश्रय देकर और हिंदू संस्कृति का दुष्प्रचार करके कुछ स्वार्थ पूरे नहीं होंगे। समाज इसकी निंदा करता है, भर्तसना करता है, कुंभ निस्संदेह ऐसा नहीं था जैसा बताया जा रहा है। कुंभ ऐसा नहीं था जैसा बताया जा रहा है।” कुंभ के विरुद्ध तैयार किए गए माहौल पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि, “संत समाज में भारी रोष है। हमने बड़ा संयम रखा।

माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान पर कुंभ कुछ ही घंटों में समेट दिया गया था। उसका विसर्जन कर दिया गया था। कुछ ही संख्या में लोग स्नान करने पहुँचे थे। तो उसकी जो विराटता और व्यापकता थी, उसका विसर्जन कर दिया गया था।”

बता दें कि स्वामी अवधेशानंद से पहले टूलकिट को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर वार किया था। भाजपा ने बताया था कि कैसे टूलकिट में निर्देश हैं कि कुंभ को सुपर स्प्रेडर कुंभ कहा जाए ताकि लोगों को एहसास हो कि सभी समस्याओं के लिए लिए हिंदू नीतियां जिम्मेदार हैं। अब इसी टूलकिट पर संज्ञान लेते हुए स्वामी अवधेशानंद ने अपना उक्त बयान जारी किया है।

उन्होंने कहा, “आँकड़ों को देखें। उसके यथार्थ को समझें। कुंभ से कोरोना का प्रकोप नहीं गया। इसपर राजनीति करना शोभा नहीं देता। भारत की परंपरा, मूल्यों में विश्वास रखें। यहीं आप जन्में है, पले हैं-बढ़ें हैं। इसलिए भारत माँ को अपना ईष्ट मानकर अपना सर्वस्व उसे सौंपकर देखों आपका हमेशा मंगल होगा।”

मालूम हो कि 17 अप्रैल को पीएम मोदी ने कुंभ मेले के मद्देनजर स्वामी अवधेशानंद से बात की थी। इसके बाद स्वामी अवधेशानंद ने कुंभ समापन की घोषणा करते हुए कहा था, “भारत की जनता व उसकी जीवन रक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हमने विधिवत कुम्भ के आवाहित समस्त देवताओं का विसर्जन कर दिया है। जूना अखाड़ा की ओर से यह कुम्भ का विधिवत विसर्जन-समापन है।”

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