अल्मोड़ा : हम तानाशाही और मुकदमों से डरने वाले नहीं, जनहित की लड़ाई लड़ते रहेंगे ! बिट्टू कर्नाटक की दो टूक चेतावनी
अल्मोड़ा, 27 अगस्त। प्रतिपक्ष का काम सरकार को जगाना है और हम यही कर रहे हैं। जनहित के मुद्दों को उठाने में कोई कोर—कसर नहीं छोड़ेंगे, भले ही सरकार तानाशाही से आवाज दबाने की कोशिश करे या मुकदमे ठोके। यह बात एनआरएचएम उत्तराखंड के पूर्व उपाध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक ने गुरुवार को जोर देकर कही। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक सड़कों का सुधार नहीं होता, वे चैन से नहीं बैठेंगे और जन सरोकारों के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ते रहेंगे। श्री कर्नाटक यहां एक होटल में पत्रकारों से मुखातिब हुए।
प्रेसवार्ता में श्री कर्नाटक ने कहा कि वह अल्मोड़ा की खस्ताहाल सड़कों को सुधारीकरण व मरम्म्त कार्य के लिए लगातार संघर्षरत हैं। कई बार ज्ञापन के जरिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज चुके और कुछ नहीं होने पर मजबूर होकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पिछले दिनों उन्होंने अपने समर्थकों के साथ एनटीडी में सरकार व विभाग को जगाने के लिए चक्काजाम आयोजित किया और यह आंदोलनक अहिंसात्मक व लोकतांत्रिक तरीके से किया गया, लेकिन प्रदेश सरकार तथा जिले के चुने जनप्रतिनिधियों के दबाव में पुलिस प्रशासन ने समर्थकों के साथ उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दमनकारी नीति अपनाकर आवाज को दबाने का कुचक्र रचा। जो बेहद निंदनीय हैं। उन्होंने कहा कि तानाशाही और मुकदमों से वह डरने वाले नहीं हैं और अब वे दोगुनी शक्ति और उत्साह से जनहित के मुद्दों को उठाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष का काम जन हित के मुद्दों पर सरकार को जगाना है और वहीं किया जा रहा है। श्री कर्नाटक ने कहा कि भाजपा के जन प्रतिनिधि व भाजपा नेता सत्ता के मद में चूर हैं और कुंभकरणी नींद में सोई सरकार को जगाना जरूरी हो गया है। उसे जनसमस्याएं नहीं दिखाई दे रही। उन्होंने कहा कि सड़कों का सुधार कार्य शुरू करने के लिए उनके द्वारा 15 दिन का वक्त दिया गया है और इस अवधि में काम शुरू नहीं हुआ, तो वह चरणबद्ध तरीके से एनएच, लोनिवि के प्रांतीय खंड व निर्माण खंड में आमरण अनशन करेंगे और इससे से बात नहीं बनी तो उग्र आंदोलन चलाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के जिम्मेदार मंत्रियों, विधानसभा उपाध्यक्ष, विधायकों, दायित्वधारियों और भाजपा पदाधिकारियों को इधर—उधर गुजरते वक्त सड़कों के गड्ढे, उखडा़ डामर, क्षतिग्रस्त नालियां नहीं दिखाई पड़ रही हैं और जो इस ओर ध्यान खींचते हैं, तो तानाशाही से उनकी आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये सत्ता के मद में कितने चूर हैं। श्री कर्नाटक ने कहा कि प्रदेश में कोरोनाकाल के दौरान अराजकता का माहौल हैं। लाखों लोगों को बेरोजगार हो गए, व्यापारी व बेरोजगार भविष्य को लेकर चिंतित हैं, सड़क व स्वास्थ्य के हाल खराब हैं। सरकार हर मोर्चे पर फेल है। श्री कर्नाटक ने कहा कि प्रदेश की सरकार आइसोलोशन मोड में आ चुकी है। दो माह के भीतर दो गर्भवती महिलाओं को पंगु स्वास्थ्य व्यवसस्था के चलते जान देनी पड़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के जनप्रतिनिधि मृतकों के घर में जाकर झूठे आश्वासनों का पुलिंदा थमाकर जनभावनाओं से खेल रहे हैं। इस मौके पर इंटक जिला अध्यक्ष दीपक मेहता, सेवादल मुख्य संगठक अल्मोड़ा हरीश बनोला, पूर्व जिला पंचायत प्रतिनिधि प्रकाश अधिकारी, एनएसयूआइ् के राष्ट्रीय कोर्डिनेटर गोपाल भट्ट, प्रधान गौरव कांडपाल व गोपाल तिवारी, सभासद राजेन्द्र तिवारी, पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी देवेंद्र प्रसाद कर्नाटक, दूसरसंचार सलाहकार समिति सदस्य अमन अंसारी, कांग्रेस व्यापार प्रदेश प्रकोष्ठ महामंत्री रोहित शैली, सेवादल विधानसभा अध्यक्ष अल्मोड़ा दीपक कुमार, सेवादल जिला कोषाध्यक्ष संजय वाल्मीकि, सेवादल जिला प्रवक्ता हेम जोशी, किशोर कनवाल, सुरेंद्र देवड़ी, अमर बोरा समेत कई कांग्रेसजन उपस्थित रहे।
वहां साधु—महात्मा राजनीति कर रहे, तो हम तो राजनैतिक लोग हैं :— पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने भाजपा जिलाध्यक्ष के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें उन्होंने सड़कों के मुद्दे पर राजनीति करने की बात कही है। श्री कर्नाटक ने कटाक्ष के अंदाज में कहा कि यह बयान बयानवीरों की अपरिपक्वता का परिचायक है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनकी पार्टी में तो साधु—महात्मा भी राजनीति करते हैं, तो हम तो राजनैतिक लोग हैं।
प्रदेश में सबके लिए समान है नियम :— आंदोलन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के सवाल पर श्री कर्नाटक बोले कि सोशल डिस्टेंसिंग का हर जगह पूरा ध्यान रखा जा रहा है। फिर भी इसके बहाने से कांग्रेसजनों पर कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि एक प्रदेश में सभी के लिए एक नियम है। ऐसे में जनपद में सरकार के मंत्री, सांसद, विधानसभा उपाध्यक्ष और भाजपा पदाधिकारी जगह—जगह कार्यक्रम कर रहे हैं। बाइक रैली निकाल रहे हैं। तो क्या ये कोरोनाकाल की गाइडलाइन के तहत है।
कांग्रेस एक है :— एक सवाल के जवाब में श्री कर्नाटक ने कहा कि कांग्रेस के लोग जगह—जगह जनहित के मुद्दे उठाकर सरकार को चेताने के काम में लगे हैं। इसका मतलब अलग—अलग गुट या कोई टूटन नहीं समझी जानी चाहिए। उन्होंने कहा सभी कांग्रेस के बैनर तले काम कर रहे हैं और कांग्रेस एकजुट है।