शाबस बिटिया : काफली की भावना बिष्ट का राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयन

📌 16 दिसंबर से लखनऊ में होगी प्रतियोगिता CNE ALMORA/ ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को यदि प्रोत्साहन मिले तो वे भी राज्य व राष्ट्रीय स्तर…

भावना बिष्ट का राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयन

📌 16 दिसंबर से लखनऊ में होगी प्रतियोगिता

CNE ALMORA/ ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को यदि प्रोत्साहन मिले तो वे भी राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर देश, राज्य व जनपद का नाम रोशन कर सकते हैं। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय काफली में कक्षा 07 की छात्रा भावना बिष्ट (Bhavna Bisht) का चयन ऊंची कूद में राष्ट्रीय स्तर के लिये हुआ है। जो कि ग्रामीण पृष्ठभूमि की है।

इस नेशनल प्रतियोगिता का आयोजन 16 दिसम्बर 2023 से 20 दिसम्बर 2023 तक लखनऊ में होगा। इसमें विद्यालय का अन्य स्टॉफ भी शामिल होगा। जिसमें प्रशिक्षक वंदना चौधरी, प्रभारी प्रधानाध्यापक लोकेन्द्र सिंह, ज्योति बिष्ट, रमा वर्मा, मलेश पांडेय व क्षिति वर्मा शामिल हैं।

भा​वना बिष्ट संक्षिप्त पारिवारिक परिचय :

उल्लेखनीय है कि भावना बिष्ट काफली गांव निवासी दिवान सिंह और खष्टी देवी की पुत्री हैं। उसके दो बड़े भाई बहन भी हैं। बड़ी बहन विवाहिता है, जबकि भाई पढ़ाई करता है। भावना न केवल खेलों, बल्कि पढ़ाई—लिखाई में भी शुरु से अव्वल रही है। भावना के पिता दिवान सिंह बाहर किसी प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। माता खष्टी देवी गृहणी हैं।

एक उम्दा खिलाड़ी है भावना

ज्ञात रहे कि भावना का पिछले वर्ष भी राष्ट्री प्रतियोगिता के लिये चयन हुआ था। इस वर्ष भी ऊंची कूद और लंबी कूद मेे ब्लॉक स्तर और जिला स्तर मे प्रथम स्थान मिला। वहीं, राज्य स्तर मे ऊंची कूद में प्रथम और लंबी कूद में द्वितीय स्थान हासिल किया। वह खेल महाकुंभ मे भी जिला स्तर में प्रतिभाग कर रही है।

यदि निष्पक्ष हो चयन तो क्यों न बढ़ेंगे गांव के बच्चे आगे !

इधर क्षेत्र के तमाम खेल प्रेमियों ने भावना बिष्ट को शुभकामनाएं देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है। लोगों का कहना है​ कि यदि चयनकर्ताओं द्वारा निष्पक्षता रखी जाये और पारदर्शी चयन हो तो देश भर में बेहतरीन खिलाड़ियों को भी आगे बढ़ने का मौका मिल सकता है। खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले खिलाड़ियों को खास प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है। जिसका कारण यह है कि उन्हें वह अवसर व ट्रेनिंग बचपन से नहीं मिल पाती, जितना अमीर घर के शहरी बच्चों को मिलती है।

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