अल्मोड़ा: विरोध में ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों ने कसी कमर

हवालबाग ब्लाक के बेमियादी हड़ताल शुरू, बीडीओ को सौंपा ज्ञापन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एसोसिएशन के प्रांतीय आह्वान पर आंदोलन सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जिले के…

हवालबाग ब्लाक के बेमियादी हड़ताल शुरू, बीडीओ को सौंपा ज्ञापन

ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एसोसिएशन के प्रांतीय आह्वान पर आंदोलन

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जिले के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पंचायत विभाग के कनिष्ठ अभियंता, डाटा एंट्री आपरेटर व एरिया कोर्डिनेटर आज से बेमियादी कार्य बहिष्कार पर उतर गए हैं। इसी क्रम में अल्मोड़ा के हवालबाग विकासखंड के ये कर्मचारी भी आज से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर हैं। हवालबाग में आंदोलित कर्मियों ने खंड विकास अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा। यह विरोध अपर मुख्य सचिव (ग्राम्य विकास) के उस आदेश के खिलाफ है, जिसमें ग्राम पंचायतों में सचिव का कार्य पंचायती राज एवं ग्राम्य विकास विभाग ​में से किसी एक विभाग के कर्मचारी को सौंपने की बात कही है। इसी कार्यात्मक विलय से कर्मचारी खिन्न हैं।

ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एसोसिएशन के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर आज अल्मोड़ा जनपद के विभिन्न ब्लाकों में यह कार्य बहिष्कार शुरू हो गया। इसी क्रम में एसोसिएशन की हवालबाग ब्लाक इकाई के सदस्य सुबह ब्लाक मुख्यालय पहुंचे और उन्होंने बेमियादी कार्य बहिष्कार का अल्टीमेटम देते हुए खंड विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। साथ ही ​इस निर्णय को वापस लेकर संगठन द्वारा उठाई जा रही जायज मांग की पूर्ति करने पर जोर दिया गया। ज्ञापन सौंपने वालों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी गणेश सिंह बिष्ट, मुकेश कुमार, हरीश सिंह बिष्ट, हेमंत कुमार, दिनेश लाल साह, प्रमोद कुमार जोशी, प्रतिभा कांडपाल, रूचि मेहता, अनीता रावत, नीलम ग्वाल, ममता मेहरा, कनिष्ठ अभियंता गिरीश गिरी गोस्वामी, डाटा एंट्री आपरेटर वीरेंद्र सिंह बोरा, सरिता नेगी, एरिया कार्डिनेटर योगेंद्र​ सिंह अधिकारी आदि शामिल रहे। (आगे पढ़िये…)

इसलिए हो रहा कार्य बहिष्कार

दरअसल, गत दिवस 16 जनवरी, 2023 को अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास ने आदेश जारी किए कि ग्राम पंचायतों में बतौर सचिव कार्यरत ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी दोनों में से एक की ही तैनाती की जाए और तैनात अधिकारी के माध्यम से ही ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम्य विकास विभाग व पंचायती राज विभाग की योजनाएं संचालित की जाएं। इसके अलावा आदेश में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी के आकस्मिक अवकाश व चरित्र पंजिका इत्यादि से संबंधित अधिकार खंड विकास अधिकारी को प्रदान किए गए। यह ​निर्णय ग्राम पंचायत विकास संवर्ग के कार्मिकों को नागवार गुजरी और उन्होंने इसका विरोध करने का निर्णय लिया। आंदोलित कार्मिकों का कहना है कि यह निर्णय लेने से पहले ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एसोसिएशन को विश्वास में नहीं लिया गया। एसोसिएशन का कहना है कि उक्त आदेश से ग्राम पंचायत स्तर पर ही पदों का कार्यात्मक विलय किया गया है। यदि शासन को दोनों पदों का कार्य समान प्रतीत होता है, तो उसे दोनों में से एक पद को मृत संवर्ग घोषित कर ग्राम स्तर से लेकर शासन स्तर तक पदों का जरूरत के अनुसार ढांचा तैयार कर हिमांचल प्रदेश की तर्ज पर एक पृथक विभाग बनाना चाहिए। संगठन का कहना है कि इस मांग को शासन दरकिनार कर रहा है। इसी कारण उसे मजबूरन विरोध पर उतरना पड़ा है। (आगे पढ़िये…)

ये है एसोसिएशन की पीड़ा

संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि पूर्व में विकासखण्डों में खण्ड विकास अधिकारी के पदों पर खंड विकास अधिकारी के नियंत्रणाधीन पंचायती राज, कृषि सहकारिता सांख्यिकी, समाज कल्याण आदि विभागों के सहायक विकास अधिकारियों को खण्ड विकास अधिकारी के पद पर पदोत्रति प्रदान की जाती थी। ग्राम्य विकास विभाग के पुनर्गठन के पश्चात यह व्यवस्था समाप्त कर दी गयी और विकासखण्डों में दो सहायक खण्ड विकास अधिकारियों के पद सृजित किए गए और अब केवल सहायक खण्ड विकास अधिकारियों को ही खण्ड विकास अधिकारी के पदों पर पदोत्रति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले से लागू इस व्यवस्था का परिणाम था कि ज्येष्ठ सहायक विकास अधिकारी पंचायत से पहले कनिष्ठ प्रा.वि.अधि. खंड विकास अधिकारी पद पर पदोत्रति प्राप्त कर गए। संगठन द्वारा बहुउद्देशीय कर्मी व्यवस्था के विरुद्ध उच्चतम् न्यायालय में वाद दायर किया गया। फलस्वरुप न्यायालय के आदेशानुसार अन्य विभाग के कार्मिकों को उनके मूल विभाग में वापस भेजा गया था। वर्तमान में पंचायती राज विभाग में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी संवर्ग से स्वीकृत पदों में अधिकतर पदों पर विभागीय कार्मिक नियुक्त हैं और रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया अंतिम चरणों में है। ऐसे में बेवजह अन्य विभाग के कार्मिकों को पंचायती राज विभाग से संबंधित दायित्व सौंपा जाना अव्यवहारिक है।

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