बरेली। राष्ट्र की जीवन रेखा, भारतीय रेल वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण के दौरान भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट निर्देशों का यथावत अनुपालन करते हुए रेल यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ अपने कर्मचारियों की सुरक्षा एवं उनके स्वास्थ्य के प्रति सजग है। इज्जतनगर मण्डल में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु विभिन्न प्रभावी कदम उठाये गए हैं। मंडल के विभिन्न रेल खण्डों पर स्थित स्टेशनों पर कार्यरत कर्मचारियों व उनके परिवार को त्वरित चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कोविड स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल के अनुसार मेडिसिन किट के पैकेट का वितरण मंडल की स्वास्थ्य इकाईयों के माध्यम से किया।
मंडल रेलवे चिकित्सालय, इज्जतनगर में कोविड-19 की द्वितीय लहर के मरीजों का इलाज माह मार्च से शुरू किया गया। इससे पूर्व यह चिकित्सालय एल-1 लेवल का कोरोना अस्पताल रह चुका है। लेकिन अब यह अस्पताल एल-2 लेवल के अस्पताल के रूप में कार्य कर रहा है। एल-2 लेवल के अस्पताल में इस दौरान लगभग कोविड-19 के 150 मरीजों का इलाज किया जा चुका है। जिसमें से काफी संख्या में मरीज ठीक होकर वापस घर भेजा जा चुका है। मंडल चिकित्सालय द्वारा कोविड-19 के गंभीर मरीजों को चिकित्सालय से संबंद्ध कोविड चिकित्सालयों में रेफर किया गया।
कोविड महामारी के तीव्र गति से पैर पसारने पर मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष पंत के मार्ग दर्शन में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अरुण खुन्नू सहित मंडल चिकित्सालय के चिकित्सक एवं पैरा मेडिकल स्टाफ ने इस महामारी से निपटने के लिए कढ़ी मेनहत, लगन एवं कत्र्तव्यनिष्ठा से कार्य करते हुए जहाँ एक ओर कोरोना पीड़ित रेल कर्मचारियों एवं उनके परिजनों को सही उपचार उपलब्ध कराने के लिए कारगर उपाय कर सार्थक कदम उठाये और दिन-रात महामारी की जंग में प्रतिभाग किया, के फलस्वरूप सैकड़ों रोकोना पीड़ित रेल कर्मचारियों एवं उनके परिजनों को कोरोना मुक्त कर उनको स्वस्थ कर उनके घर वापस भेजा। जिसकी सभी ने मुक्त कंठ से साधुवाद दिया तथा सर्वत्र प्रशंसा हुई।
अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. बी.एन. चैधरी ने बताया कि मंडल रेलवे चिकित्सालय में वैक्सीनेशन का कार्य भी जनवरी माह से प्रारंभ हुआ और इस बीच लगभग 8500 लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। वर्तमान में वैक्सीनेशन टीम द्वारा प्रतिदिन लगभग 200 से 400 व्यक्तियों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त मंडल रेलवे चिकित्सालय द्वारा कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए टेली कंसल्टेशन सुविधा 5 मई, 2021 से प्रारंभ की गई। अब तक कुल 368 लोगों को टेलीफोन अथवा व्हाट्सएप पर कोरोना से संबंधित उपचार व सलाह दी गई। अप्रैल माह में कोरोना के बढ़ते मरीजों को दृष्टिगत रखते हुए रेलवे के साथ-साथ गैर रेलवे मरीजों के भी मोबाइल पर कॉल भी सलाह के लिए आने लगे थे। बहुत सारे मामूली रूप से पीड़ित कोरोना मरीज मोबाइल पर ही सलाह ले कर घर पर आइसोलेशन में उपचार कराते रहे। इनमें टेली कंसल्टेशन से उपचार लेने वाले लगभग 35 गैर रेलवे मरीज भी थे जिन्होंने टेली कंसल्टेशन द्वारा कोरोना का उपचार कराया।
उक्त में से लगभग 15 मरीज मॉडरेट कोरोना निमोनिया से ग्रसित थे, जिनका सीटी स्कैन गंभीरता स्कोर 8 से 15 तक था, वे भी घर पर ही रहकर उपचार से ठीक हो गए। टेली कंसल्टेशन के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. सुरेन्द्र सिंह चैहान को नामित गया जिन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए पूरी तत्परता से कोरोना पीड़ित मरीजों को सही सलाह प्रदान कर चिकित्सीय लाभ प्रदान किया।