नहीं बना सपनों का उत्तराखंड, मूलभूत समस्याओं को सुलझाने में नाकाम रही सरकारें

राज्य स्थापना दिवस पर उलोवा की बैठक सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा उत्तराखंड लोक वाहिनी की राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित बैठक में शहीदों के सपनों का…

  • राज्य स्थापना दिवस पर उलोवा की बैठक
  • सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

उत्तराखंड लोक वाहिनी की राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित बैठक में शहीदों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बन पाने पर अफसोस जाहिर किया गया। राज्य की मूलभूत समस्याओं को सुलझाने में अब तक आई तमाम सरकारों को नाकामयाब बताया गया।

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि अभी भी राज्य आंदोनलकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड नहीं बना है। यह तभी बनेगा जब राज्य के स्थानीय दलो की सरकार बनेगी। एडवोकेट जगत रौतेला की अध्यक्षता में आयोजित बैठक मे वक्ताओं ने कहा कि अपने 20 वर्षों के कार्यकाल मे राष्ट्रीय दलों की सरकारें, राजधानी, स्थाई निवास, भू—कानून व भूमि बन्दोबस्त, वनाधिकार कानून, पंचायत सुधार जैसी मूलभूत समस्याओं को सुलझाने में नाकाम रही है। गैरसैंण राजधानी, राज्य आन्दोलन की मूल अवधारणा थी, जिसे गंम्भीरता से नही लिया जा रहा है। राज्य की सड़कों का अवैज्ञानिक कटान कर पहाड़ो को कमजोर किया जा रहा है। पहाड़ों की लाइफ लाईन सड़कों की हालत खराब है। उलोवा ने लोगों को स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए स्थानीय राजनैतिक दलों को मजबूत करने की अपील की। बैठक को वाहनी के उपाध्यक्ष जंग बहादूर थापा, कुणाल तिवारी, अजय मित्र सिंह बिष्ट, हारिस मुहम्मद आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर गिरीश तिवारी गिर्दा के जनगीत भी गाये गये तथा शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।

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