सीएनई रिपोर्टर
कोरोना की तीसरी लहर से परेशान होने की जरूरत नही, क्योंकि इसे आने में अभी काफी वक्त लगेगा। इसके आने से पूर्व देश के सभी बच्चों को भी कोरोना का टीका लग चुका होगा। तीसरी लहर अगर आई भी तो भी कोरोना के दो टीके लगवा चुके अधिकांश लोग इससे सुरक्षित रहेंगे। यह दावा किया है कोरोना पर लगातार कार्य कर रहे देश के कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉक्टर एन के अरोड़ा का।
दरअसल, स्वदेशी वैक्सीन कंपनी जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन पर कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉक्टर एन के अरोड़ा ने एक राहत भरी बात कही है। उनका कहना है कि जायडस कैडिला वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है और जुलाई या अगस्त से बच्चों के वैक्सीनेशन का कार्य शुरू हो जायेगा। उन्होंने बताया कि 12 से 18 साल के बच्चों को यही टीका लगाया जायेगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार कोरोना की तीसरी लहर आने से पूर्व टीकाकरण का कार्य पूरे राष्ट्र में पूरा कर देना चाहती है। इसके लिए बेहद जरूरी है कि वैक्सीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर अब देसी कंपनियां करें। इस लिहाज से देसी कंपनी जायडस केडिला का ट्रायल पूरा हो जाना निश्चित तौर पर बड़ी राहत बड़ी ख़बर है। फिलहाल कंपनी वैक्सीनेशन की मंजूरी के लिए निवेदन करने जा रही है। ज्ञात रहे कि वर्तमान में भारत में तीन टीकों को अनुमति मिली है। जिनमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक शामिल है।
अगर हम विषय विशेषज्ञों की बातों पर यकीन करें तो कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होने जा रहे हैं। ऐसे में बच्चों की वैक्सीन को केंद्र से मंजूरी जितने जल्दी मिले देश के लिए उतना अधिक अच्छा है। यह भी बताना लाजमी होगा कि जायडस कैडिला की यह वैक्सीन दुनियाभर की अन्य वैक्सीन्स से काफी अलग है। जहां ज्यादातर वैक्सीन्स की दो डोज ही लगाई जाती हैं, लेकिन जायडस की इस वैक्सीन की दो नहीं, बल्कि तीन डोजेस लगाई जाएंगी।
कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन एन के अरोड़ा ने सबसे बड़े राहत की बात भी कही। उन्होंने बताया कि आईएमसीआर के शोध के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर आने में कम से कम छह से आठ माह का वक्त है। देश के पास काफी समय कि वह टीकाकरण का काम लहर आने से पहले ही पूरा कर ले। यह लक्ष्य तभी पूरा हो सकता है, जब एक दिन में कम से कम देश भर में एक करोड़ टीके लगें।