अल्मोड़ा: किरौला ने प्रमुखता से उठाए नगर के ज्वलंत मुद्दे

✍️ प्रतिनिधिमंडल की एसडीएम से वार्ता, ज्ञापन सौंपा ✍️ बोले—विकास कार्यों में कोताही जनता पर पड़ रही भारी सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: नगर में प्रमुखता से…

✍️ प्रतिनिधिमंडल की एसडीएम से वार्ता, ज्ञापन सौंपा
✍️ बोले—विकास कार्यों में कोताही जनता पर पड़ रही भारी

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: नगर में प्रमुखता से उभर कर सामने आ रही समस्याओं का अध्ययन करने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता विनय किरौला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां उपजिलाधिकारी से इनके संबंध में विस्तृत चर्चा हुई और विकास कार्यों में तकनीकी खामियां, लापरवाही व उदासीनता से हो उभर रही बड़ी समस्याओं पर चिंता जाहिर की। साथ ही इस बात को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया कि विकास कार्यों में लापरवाही जनता पर भारी पड़ रही है।

इसी संबंध में जिलाधिकारी को संबोधित एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा। जिसमें प्रमुख समस्याएं उठाते हुए तत्संबंधी मांगें रखीं हैं और ​अविलंब इनके समाधान के लिए उचित व ठोस कदम उठाने का अनुरोध किया है। वार्ता करने व ज्ञापन देने वालों में विनय किरौला, नरेंद्र सिंह, सुजीत टम्टा, केपी जोशी, रमुली देवी, प्रकाश सिंह बिष्ट, किशन सिंह राणा, आनंद सिंह लटवाल, आनन्द सिंह बिष्ट, दिनेश जोशी, शेर सिंह बिष्ट, देवेंद्र सिंह नेगी, जीवन चंद्र तिवारी, रघुवर सिंह मेहता, लक्ष्मण सिंह लटवाल, कमला जोशी, मोहन सिंह गुसाईं, श्याम सुंदर रावत, राम सिंह रावत आदि दर्जनों लोग थे।
चर्चा व ज्ञापन के प्रमुख बिंदु

✍️ जोशीमठ जैसी आपदा के सबक लेते हुए शासन ने सांस्कृतिक नगर अल्मोड़ा को ड्रेनेज सिस्टम को तंदरुस्त बनाने के लिए 18 करोड़ की सौगात दी, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि कार्यदायी संस्था की घोर लापरवाही, उदासीनता व तकनीकी कौशल की कमी के चलते कार्य तय समय तक सिर्फ 18 से 20 प्रतिशत हो सका है। अब बरसात आने ही वाली है, ऐसे में तत्काल गंभीरता से इस मसले पर उचित कार्यवाही की जाए।
✍️ अल्मोडा नगर में बिछ रही सीवर लाइन में निपुणता की घोर कमी का खामियाजा इसके इर्द—गिर्द निवासरत लोगों को झेलना पड़ रहा है। शिकायतें उठ रही हैं कि सीवर लाइन बिछने के बाद से उनके घरों में पानी व मलबा रिसकर आ रहा है, जो सीवर लाइन​ बिछने से पहले नहीं आ रहा था। ऐसे में कई घर खतरे की जद में आ गए हैं। इस गंभीर समस्या का समय रहते समाधान किया जाए।
✍️ कुछ दिन पूर्व हुई बारिश में ही करोड़ों की लागत से बने इंटकवेल व फ़िल्टर जवाब दे गए। इसके बाद से नगर में मटमैले पानी की आपूर्ति हो रही है। इस समस्या से निजात पाने के लिए पंपिंग सिस्टम में उच्च क्षमता के फिल्टर लगाने की जरूरत है। इस पर उचित कार्यवाही की जाए।

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