Tiger Attack : किसान को घसीट ले गया टाइगर, मोबाइल की घंटी सुन भागा

🔥 मौत से पहले मदद चिल्लाता रह गया प्रमोद रामनगर। Tiger Attack/ कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे गांवों में बाघ टाइगर के हमलों की घटनाएं…

किसान को घसीट ले गया टाइगर

🔥 मौत से पहले मदद चिल्लाता रह गया प्रमोद

रामनगर। Tiger Attack/ कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे गांवों में बाघ टाइगर के हमलों की घटनाएं आम हो चुकी हैं। यहां बीती देर शाम बांसीटीला में खेत में गेहूं काट रहे किसान को टाइगर अपने मजबूत जबड़ों में पकड़ घसीट ले गया। किसान का अधखाया शव घटनास्थल से 500 मीटर दूर मिला। बाघ ने शव को तब छोड़ा जब मृतक के मोबाइल में लोगों ने कॉल करी। मोबाइल फोन की लगातार बज रही बेल से विचलित होकर टाइगर ने अधखाया शव छोड़ दिया।

Tiger attack in Ramnagar
Tiger attack in Ramnagar

घसीट ले गया टाइगर

प्राप्त जानकारी के अनुसार मनोरथपुर बांसीटीला गांव में बुधवार देर शाम प्रमोद तिवारी खेतों में गेंहू की फसल काट रहा था। बताया जा रहा है कि वहां एक बाघ पहले से ही घात लगाकर गेंहूं की फसल के बीच छुपकर बैठा था। जिसे किसान नहीं देख पाया। अचानक बाघ ने उस पर हमला कर दिया और प्रमोद को अबने मजबूत जबड़ों में पकड़ घसीट ले गया।

चिल्ला रहा था प्रमोद, दहशत में थे मददगार

शोर—शराब सुनकर आस—पास के लोग मदद को दौड़े। प्रत्यशदर्शियों के अनुसार टाइगर के जबड़ों में फंसा प्रमोद तिवारी जोर—जोर से मदद को चिल्ला रहा था, लेकिन तब कोई भी बाघ के नजदीक जाने का साहस नहीं जुटा पाया।

इस बीच लोगों ने शोर मचाया और प्रमोद के नंबर पर कॉल किया। मोबाइल की घंटी की आवाज सुनकर बाघ कुछ विचलित हो गया और भाग गया। जब तक ग्रामीण प्रमोद के पास पहुंचे तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

मामले की सूचना वन विभाग को दी गई। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना देने के काफी देर बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। वन विभाग की टीम को ग्रामीणों का आक्रोश भी झेलना पड़ा। उनका कहना था कि यदि जल्द बाघ के आतंक से उन्हें निजात नहीं दिलाई तो वह उग्र आंदोलन करेंगे।

मौके पर पहुंचे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक दिगंत नायक ने ग्रामीणों और परिजनों से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही बाघ को पकड़ लिया जाएगा। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वो खेतों में अकेले ने जाएं और सतर्क रहें।

सीमा को लेकर काफी देर तक चला विवाद

बताया जा रहा है कि इस दर्दनाक घटना के बाद वन विभाग सीमा विवाद में उलझ गया। बता दें कि लालुपूर बांसीटीला सीटीआर के ढेला रेंज का ईडीसी गांव है। जिस कारण सीटीआर व तराई पश्चिमी वन प्रभाग के वन कर्मी सीमा विवाद में उलझ गए। सीटीआर के निदेशक डॉ. धीरज पांडेय ने बताया कि घटनास्थल तराई पश्चिमी वन प्रभाग के आमपोखरा रेंज का है। जबकि तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने बताया कि यह गांव कॉर्बेट पार्क के ढेला रेंज का ईडीसी गांव है। हालांकि ग्रामीणों ने साफ किया कि यह घटना स्थल को कॉर्बेट पार्क के ढेला रेंज का है।

मृतक अपने पीछे पत्नी मंजू, दो बेटे अंशु (12 साल) और वंशु (11 साल) के अलावा भाई शिवम व माता—पिता को छोड़ गया है। घटना के बाद से परिजनों में मातम पसरा है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां लंबे समय से बाघ का आतंक है।

Why Do Tiger Attack

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