अविश्वसनीय : वह मौत के बाद भी जीवित हो जाते हैं, वैज्ञानिक कर रहे शोध

- सिर्फ किस्सों कहानियों में नहीं था ‘रक्तबीज दानव’
- मौत के बाद भी हो सकते हैं जिंदा
- बुढ़ापे की दहलीज में पहुंचने के बाद भी दोबारा पा सकते हैं बचपन
- सिर कटा भूत बनकर भी घूम सकते हैं
— दीपक मनराल —
सदियों से इंसान अमर होने के सपने देख रहा है। कहा जाता है कि अमरत्व पाने के लिए हमारे ऋषि—मुनियों ने वर्षों तपस्या की थी और आधुनिक विज्ञान भी लगातार रिसर्च कर रहा है। बाजवूद इसके आज की तारीख में यदि कोई कहे कि इंसान की आयु कई सौ सालों तक हो सकती है या फिर एक बूढ़ा व्यक्ति दोबारा बचपन की ओर लौट सकता है।
शरीर का कोई अंग किसी दुर्घटना में कट जाये तो बिना डॉक्टरी इलाज वह दोबार आ जाये या फिर मरने के कुछ समय बात इंसान दोबारा जिंदा होने लगे। तो जाहिर सी बात है कि ऐसा कहने वालों को लोग पागल ही कहेंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं इस संसार में ऐसे भी जीव हैं, जो यह सब कर सकते हैं।
तो आइये जानते हैं पृथ्वी के जीवों की अजब—गजब उस दुनियां के बारे में, जिनके बारे में हो सकता है कि आपने पहले कभी सुना, देखा या पढ़ा न हो। अतएव धैर्य से हमारे इस आलेख को पूरा पढ़िये। हम आपको आगे कुछ जीवों की ऐसी जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आपकी सोच ‘मौत और जीवन’ तथा किताबों में लिखी चमत्कारी बातों को लेकर एकदम से बदल जायेगी। खबरें वही जो समय पर मिले, तो जुड़िये हमारे WhatsApp Group से Click Now
कॉकरोच

जी हां, यह वही कॉकरोच है जो अकसर घरों के किचन, बाथरूम, फ्रिज आदि में डेरा जमा देता है। क्या आप यह भी जानते हैं कि कॉगरोच कितनी सख्त जान होता है ? यह वह जीव है, जिसका यदि आप सिर काट देंगे तो भी यह मरेगा नहीं, बल्कि कई हफ्तों तक सिर कटे भूत की तरह आपके घर में घूमता रहेगा। कई माह बाद इसकी मौत भी सिर कटने से नहीं, बल्कि भूख और प्यास से होगी, क्योंकि बगैर सिर के यह भोजन नहीं ले पायेगा। बता दें, कि बगैर सिर के भी यह सांस अपने शरीर में मौजूद छोटे—छोटे छेदों से लिया करते हैं, अतएव इसकी मौत भी इतनी आसान नहीं होती।
यहीं नहीं, यदि आपको यह अपने टॉयलेट में दिखे तो आप फ्लश चालू कर इसे गटर में बहा यदि यह सोचते ही आपने इस कॉकरोच का काम तमाम कर दिया, तो भी यह आपकी भूल होगी, क्योंकि यह जीव वह सुपर हीरो है जो पानी में अपनी सांस को 30 से 40 मिनट तक रोके रखने में कामयाब होता है। 40 मिनट बाद भी पानी में डूबे रहने पर यह फिर वाापस बाहर आ जाता है। यहां तक की कई घंटे बर्फ में अगर आप इसको जमा दो तो बर्फ पिघलते ही यह दोबारा चहल—कदमी शुरू कर देगा।
ऑक्टोपस

पानी में रहने वाला यह जीव भी कम हैरान कर देने वाला नहीं है। इसकी सबसे बड़ी खूबी तो यह है कि यह जीव कभी दिल का मरीज नहीं हो सकता, क्योंकि इसके पास एक नहीं तीन—तीन दिल हुआ करते हैं। यही कारण है कि हमले के दौरान अंग कटने के बावजूद यह अपने इन तीन मजबूत दिलों की बदौलत जीवित रहते हैं। अब इनके बारे में एक और हैरतअंगेज बात जानिये कि इनके तीन दिलों के अलावा जो 08 पैर होते हैं, दरअसल, वह इनके दीमाग हुआ करते हैं। यानी यह जीव तीन दिल और 08 दिमाग धारी होता है। इनके यदि किसी दिल और दिमाग को हटा भी दिया जाये तो भी यह आराम से जिंदा रहते हैं।
कछुआ

यह वह जीव है कि जो अपने मोटे कवच की वजह से जहां आकर्षण का केंद्र बनते हैं, वहीं वन्य जीव अकसर इन्हें खिलौना समझ बैठते हैं। कॉकरोच की तरह इनमें भी यह खूबी होती है कि सर कटने के बाद भी घंटों तक यह जीवित रहते हैं। शरीर की मदद से यह वायु ग्रहण करते रहते हैं। इसकी उम्र 300 साल से भी अधिक हो सकती है। यह करोड़ों वर्ष पूर्व तब पैदा हुए थे जब पृथवी पर डायनोसारस हुआ करते थे। इसका लंबा जीवन इंसानों के मन में यह भाव पैदा करता है कि काश हम भी कछुए की तरह लंबा जीने का रहस्य जान सकते!
मधुमक्खी

आपको यदि कभी हॉरर फिल्में देखने का शौक रहा हो या वर्तमान में है। तो आपने देखा होगा कि कैसे कुछ इंसान मरने के बाद भी भूत बनकर दुश्मनों से अपना बदला लेते हैं। हालांकि आप भी यह मानते होंगे कि यह सिर्फ किस्से—कहानियों में होता है, पर शायद आपकी यह सोच गलत है। मुधमक्खी एक ऐसा जीव है जो मरने के बाद भी अपना बदला ले सकते हैं। अगर किसी मरी हुई मधुमक्खी को अपने नंगे हाथों से उठायेंगे तो यह आपको तब भी डंक मार सकती है। जिसका कारण यह है कि मधुमक्खी के शरीर में डंक के साथ जुड़ी ऐसी कोशिकायें होती हैं, जो मौत के कई घंटों बाद भी सक्रिय रहती हैं। मरने के बाद यदि आप किसी भी मधुमक्खी को नंगे हाथों से पकड़ेंगे तो यह आपको डंक मार सकती है।
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अलास्का फॉरेस्ट फ्रॉग्स (मेंढक)

अब तक आपने जितने जीवों के बारे में सुना उनमें से यह बहुत अधिक हैरान करने वाला जीव है। जिसको लेकर पूरे विश्व के वैज्ञानिक भी हैरान हैं और शोध में जुटे हुए हैं। दरअसल, यह वह जीव है जो इंसान को अमर होने का मूल मंत्र दे सकता है। अलास्का के घने वन्य में पाये जाने वाले यह खास किस्म के मेढक मरने के बाद दोबारा जिंदा होने की ताकत रखते हैं।
यह अलास्का फॉरेस्ट फ्रॉग्स सर्दियां शुरू होने से पूर्व खुद को तलाबों में 80 प्रतिशत तक डुबा कर मृत हो जाते हैं। जी हां, हमने जानबूझ कर लिखा है कि यह ‘मृत’ हो जाते हैं, क्योंकि जब यह सर्दियों में तलाब में मृत अवस्था में रहते हैं तो इन पर पूरी तरह बर्फ जम जाती है। जब इनकी लैब में जांच की गई तो पाया गया कि इनकी धड़कनें पूरी तरह बंद हैं और यह सांस नहीं लेते, हाथ—पैर—खून सब जम जाता है और पूरी तरह मृत देह होते हैं। पर जो बात हैरान करती है वह यह है कि जैसे ही दोबारा गर्मियां आती हैं और बर्फ पिघलनी शुरू होती है तो यह दोबारा जिंदा हो जाया करते हैं।
प्लैनेरियन फ्लैटवर्म

आपने रक्तबीज दानव की कहानी शायद पढ़ी हो। यह एक ऐसा दानव था कि जिसे जब देवी मां ने तलवार से काटा तो यह एक की बजाय दो रक्तबीज बन गये। जब देवी मां ने इसके और टुकड़े किये तो नए—नए रक्तबीज पैदा होने लग गये। अब आप कहेंगे यह तो सिर्फ कहानी है, हकीकत में ऐसा हो ही नहीं सकता। ऐसा मत सोचिये क्योंकि सनातन धर्म में जो कथायें आयी हैं उनमें से बहुत सी सदियों बाद विज्ञान की कसौटी पर खरी भी उतरी हैं। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह प्लैनेरियन फ्लैटवर्म नामक जीव है।
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वैसे तो यह पानी में पाया जाने वाला जीव है, लेकिन इसकी कुछ नस्ल ऐसी भी होती हैं, जो नमी वाली जगहों पर रहती है। इनके बारे में खास बात यह है कि अगर आप इनके पीछे चाकू लेकर दौड़ पड़ें और इन्हें कई टुकड़ों में काट दें तो भी यह मरेंगे नहीं, बल्कि जितने टुकड़ों में आपने इनको काटा है वहां इनके हमशक्ल नए—नए जीव पैदा होते रहेंगे। अगर आप इसे ठीक बीच से काटेंगे तो इसके दो नये सिर कटे हुए हिस्से से बाहर निकल आयेंगे। सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि वैज्ञानिकों के अनुसार हर नए जन्म प्लेनिरियम में सालों पुरानी यादें भी जीवित रहती हैं ठीक किसी पुर्नजन्म की कथा की तरह।
ट्यूरिटोप्सिस दोहरनी (Turritopsis dohrnii) जैली फिश

समुद्र में पाई जाने वाली ज्यादातर जैली फिश जल्द ही मर जाया करती हैं, लेकिन इनकी एक प्रजाति ऐसी भी है जो सालों—साल जिंदा रहा करती हैं। जिसका वैज्ञानिक नाम ट्यूरिटोप्सिस दोहरनी है। यह खास किस्म की जैली फिश है, जिसको अमर कहा जाता है। यह जैलीफिश अपनी लाइफ साइकिल को रिवर्स मोड में लॉ सकती है।
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जरा सोचिये इंसान का जन्म एक छोटे बच्चे के रूप में होती है, फिर किशोर अवस्था, जवानी और अंत में बुढ़ापा आ जाता है। क्या ही अच्छा होता कि इंसान बुढ़ापा आने के बाद दोबारा जवान और फिर बच्चा बन जाता। भले ही हम इंसान ऐसा नहीं कर सकते लेकिन यह खास किस्म की जैली फिश ऐसा करती है। जैली फिश अंडे के रूप में जन्म लेती है। चार—पांच स्टेज को पार करते हुए यह पूर्ण विकसित हो जाते हैं। इस आयु में जब यह बूढ़ी होने लगती हैं तो बेहद हैरान कर देने वाले तरीके से यह दोबारा अपने को जीवन की कुछ स्टेज पीछे ले जाते हुए दोबारा जवान हो जाया करती है। इस तरह यह अपने जीवन चक्र को बहुत लंबा खींच लेते हैं।
सेलामेंडर (अद्भुत चिपकली)

यह अद्भत जीव चिपकली जैसा दिखता है। इनके पास ऐसी सुपर पावर है कि अपने शरीर के कटे हुए हिस्सों को दोबारा पा लेते हैं। जब इनके कटे हुए शरीर के किसी अंग की जगह दोबारा वही अंग पैदा हो जाते हैं तो, कोई देखकर कह ही नहीं सकता कि इनका अंग पूर्व में कट चुका था। यही नहीं इनके दिल, दिमाग या रीढ़ की हड्डी में लगी चोट बहुत जल्दी अपने आप भर जाती है। इस तरह स्वयं ठीक होने की ताकत दुनियां के किसी भी जीव में नहीं है। यही कारण है कि वैज्ञानिक आज यह जांच कर रहे हैं कि वह कौन सी चीज है जो इस जीव को यह सुपर पावर प्रदान करता है। यदि वैज्ञानिक यह रहस्य जान गये तो दुर्घटनाओं में शरीर के अंग कटने पर चिकित्सक उसे दोबारा पैदा कर सकने में सक्षम हो जायेंगे। इंसानी शरीर में फिर कोई कृत्रिम अंग लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
सांप

अकसर सांपों को देखते ही अधिकांश लोगों की हवा खराब हो जाती है और वह भय से या तो चीखते हैं या भाग जाते हैं। वैसे बता दें कि इन सांपों से डरना लाजमी भी है, क्योंकि कुछ सांप तो सच में बेहद खतरनाक हुआ करते हैं। इनके बारे में खास बात यह है कि कुछ सांप मधुमक्खी की तरह सर कट जाने के बाद भी किसी की जान ले सकते हैं। यदि आप कभी किसी सांप का कटा हुआ सर देखें तो भूल से भी उसे छुए नहीं, कयोंकि सांप का कटा सिर भी कई घंटे तक जीवित रहता है और डंक मार सकता है। यही कारण है कि कई लोग सांपों के मरने के बाद उनके सिर को तुरंत मिट्टी में ढक देते हैं।
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इन सभी जीवों को देखकर यही कह सकते हैं कि काश इंसानों के पास भी ऐसी ही कोई शक्ति होती। जिससे हाथ—पैर कट जाने पर भी वह वापस आ जाते, लाइफ साइकिल को रिवर्स करके हम दोबारा बच्चे बन जाते, सर कटने के बाद भी जीवित रह पाते और सबसे अहम दुर्भाग्य से कभी मौत हो जाती तो कुछ समय बाद दोबारा जीवित हो उठते। हालांकि वर्तमान में ऐसा कुछ भी सम्भव नहीं हो पाया है, लेकिन वैज्ञानिक प्रयोग अपनी जगह आज भी विश्व के किसी न किसी देश में लगातार जारी हैं। खबरें वही जो समय पर मिले, तो जुड़िये हमारे WhatsApp Group से Click Now