सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
बागेश्वर में इनदिनों कदम—कदम पर आंदोलन के स्वर गुंजायमान हैं। लोग अपनी—अपनी पीड़ा लिये धरना—प्रदर्शन को बाध्य हुए हैं। एक ओर जिला पंचायत के नौ सदस्यों के धरना—प्रदर्शन को 51 दिन हो गए हैं, तो दूसरी ओर मंडलसेरा के लोग सड़क व पुल के लिए धरने पर डटे हैं, जिसमें अब मातृशक्ति भी कूद गई गई है। इनके अलावा सैनिक कल्याण विभाग के संविदा कर्मी अपने दुखड़े को लेकर क्रमिक अनशन पर बैठे हैं।
जिला पंचायत बागेश्वर में अनियमितताओं के खिलाफ चल रहे जिला पंचायत के नौ सदस्यों के धरने को आज 51 दिन पूरे हो गए। इसका विकास कार्यों पर विपरीत असर पड़ा है। सर्वाधिक असर कपकोट विधानसभा क्षेत्र में पड़ रहा है, क्योंकि आंदोलित नौ सदस्यों में से छह उसी क्षेत्र के हैं। दूसरी ओर जिला प्रशासन और सरकार ने आंदोलन की कोई सुध नहीं ली है।
आंदोलित सदस्यों ने कहा कि जिला पंचायत में बजट आवंटन में भारी अनियमितता बरती जा रही है। इससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जिपं उपाध्यक्ष नवीन परिहार का कहना है कि जिला पंचायत पर 17 लाख की गाड़ी एक लाख में बेचने का प्रयास किया जा रहा है। यह वाहन वर्ष 2016 खरीदा गया था। उन्होंने कहा कि महज छह साल में लाखों की चीज एक लाख की कैसी हो गई, इस बात की जांच होनी चाहिए। इस मौके पर हरीश ऐठानी, सुरेंद्र खेतवाल, गोपा धपोला, वंदना ऐठानी, रूपा कोरंगा, रेखा देवी, इंद्रा परिहार, पूजा आर्या आदि मौजूद थे।
अपर मुख्य अधिकारी का तबादला
आज शासन ने जनपद में कार्यरत अपर मुख्य अधिकारी डॉ. सुनील कुमार का स्थानांतरण जनपद रुद्रप्रयाग कर दिया है। उन्हें वहां प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी के पद पर भेजा गया है। जबकि पौड़ी जनपद में तैनात अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह को जनहित में बागेश्वर का अपर मुख्य अधिकारी बनाकर भेजा है। इससे पूर्व अंशिका स्वरूप को जिला पंचायत बागेश्वर के अपर मुख्य अधिकारी बनाया गया था, लेकिन उन्होंने बागेश्वर में तैनाती से इंकार कर दिया था।
पीपलचौक पर जुटी मातृशक्ति
बागेश्वर के मंडलसेरा में पुल और सड़क की मांग को लेकर क्षेत्रीय लोगों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। आंदोलन की धार को तेज करने के लिए मातृशक्ति भी आंदोलन में कूद गई है। जन जागृति समूह के बैनर तले क्षेत्र के लोग बुधवार को मंडलसेरा में आयोजित धरना स्थल पर पहुंचे। यहां जोरदार नारेबाजी के साथ अपना संकल्प दोहराया। वक्ताओं ने कहा कि क्षेत्र के लोग सड़क व पुल की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। पुल का शिलान्यास भी हो गया। उसके बाद भी आज तक न पुल बन सकी और न सड़क। क्षेत्र को नगर पालिका में शामिल तो कर दिया, लेकिन विकास की किरणें आज भी कोसों दूर हैं। पुल व सड़क नहीं होने से क्षेत्र के लोग परेशान हैं। बारिश के दिनों में यह परेशानी और बढ़ जाती है। कोरे आश्वासनों से अब कतई काम नहीं चलेगा। इस मौके पर गणेश रौतेला, भूपाल सिंह रौतेला, शंकर दत्त जोशी, कैलाश जोशी, कवेलानंद जोशी, साूनू जोशी, रमा साह, खीमुली देवी, भवगती जोशी, नरेंद्र सिंह बघरी, प्रवीण सिंह आदि मौजूद थे।
क्रमिक अनशन पर संविदा कर्मी
बागेश्वर जिले में बुधवार को सैनिक कल्याण विभाग के संविदा कर्मियों का क्रमिक अनशन दूसरे दिन जारी रहा। सातवें वेतन आयोग का लाभ देने और विभागीय संविदा में लेने की मांग को लेकर सैनिक कल्याण विभाग में नियुक्त संविदा कर्मचारियों ने क्रमिक अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। क्रमिक अनशन पर दीप बिष्ट बैठे। यहां नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सैनिक बोर्ड की गाइडलाइन और उत्तराखंड सरकार के शासनादेश के अनुसार अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्त करने की समान व्यवस्था है, किंतु विभाग ने अधिकारियों को संविदा में नियुक्त किया है। पूर्व सैनिक संविदा कर्मचारियों और सिविल अल्पवेतन भोगी कर्मचारियों का मानसिक शोषण किया जा रहा है। इस मौके पर कमला तिवारी, मनोज कुमार, सोबन सिंह, महेश चंद्र कांडपाल, बसंत जोशी, नरेंद्र सिंह, किशन सिंह, दान सिंह, महेश तथा मोहन चंद्र पंत मौजूद थे। इधर कर्मचारियों के आंदोलन को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, एडवोकेट गिरीश कोरंगा, ललित धपोला आदि ने अपना समर्थन दिया।