सीएनई डेस्क
काफी समय से आतंक का पर्याय बन चुकी आदमखोर बाघिन को रेस्क्यू टीम द्वारा पकड़ लिया गया है। बाघिन को ट्रेंकुलाइज करने के बाद रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया है। इस बाघिन के बाल, सलाइवा आदि के सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर ही पता चल पायेगा कि यह आदमखोर है या नहीं !
उल्लेखनीय है कि गत 15 जुलाई को इस बाघिन ने खलील पुत्र बांके निवासी मानपुर ठाकुरद्वारा मुरादाबाद को उस वक्त मार डाला था, जब वह किसी काम से बाइक से सर्पदूली रेंज की ओर जा रहा था। धनगढ़ी बीट नंबर चार के पास उस पर बाघिन ने हमला कर मार डाला था। यह युवक ठेकेदार के पास मजदूर काम करता था। इसके बाद बाघिन के लगातार इंसानों पर हमले शुरू हो गए थे। किसी अनहोनी की आशंका से वन विभाग की टीम इस बाघिन की ढूंढ—खोज में लग गई थी।
कॉर्बेट के वन्यजीव चिकित्सक डॉ. दुष्यंत कुमार शर्मा के अनुसार बाघ को पकड़ने के लिए संवेदनशील क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाए गए थे। इसमें एक बाघिन और दो बाघ बार-बार सामने आ रहे थे। इसने पहली हत्या करने के ठीक दो दिन बाद ही एक सर्पदुली से रामनगर आ रहे वाचर पर भी हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इसके बाद सर्पदुली रेंज में बाघिन को पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। उन्होंने बताया कि वनकर्मियों की चार टीमों ने चार घंटे की मशक्कत के बाद बाघिन को रेस्क्यू किया। जिसके बाद इसे ढेला रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया। जहां बाघिन के बाल, सलाइवा आदि के सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए भेजा गया है।
इधर कॉर्बेट के डिप्टी डायरेक्टर नीरज शर्मा ने बताया कि बाघिन की रिपोर्ट आने तक संवेदनशील क्षेत्रों में मॉनिटरिंग जारी रहेगी। बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा कि बाघिन ने लोगों पर हमले किये की नहीं। बाघिन की रिपोर्ट सामान्य मिली तो अन्य दो बाघों का भी रेस्क्यू किया जाएगा।