Bageshwar News: पहली बार 1882 और फिर 06 बार सर्वे, रेललाइन का आज तक पता नहीं, अब चुनाव बहिष्कार की धमकी

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरटनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण संघर्ष समिति ने अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी के साथ सभा की। साथ ही सभा कर वक्ताओं ने…

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण संघर्ष समिति ने अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी के साथ सभा की। साथ ही सभा कर वक्ताओं ने कहा कि टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सरकार से विधानसभा से पूर्व रेल मार्ग निर्माण करने की मांग की। मांग नहीं माने जाने पर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।

समिति से जुड़े लोग रविवार को तहसील परिसर में एकत्रित हुए। यहां जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि कोरोना के चलते उन्होंने अपने मासिक कायक्र्क्रम ऑनलाइन किए थे।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1882 में सबसे पहले इस मार्ग की सर्वे हुई। उसके बाद वर्ष 1912, 1980, 2006, 2008, 2009 तथा 2012 में सर्वे हो चुकी है। इसके अलावा इस मांग को केंद्र सरकार ने पहले ही राष्ट्रीय प्रोजक्ट में भी शामिल कर दिया है। अब बजट स्वीकृत कर मार्ग निर्माण शुरू करना चाहिए। रेल आने से ही जिले का विकास होगा। पर्यटन से लेकर अन्य गतिविध्यां बढ़ेगी। क्षेत्र का विकास होगा।

सभा की अध्यक्षता नीमा दफौटी तथा संचालन खड़क राम ने किया। इस मौके पर प्रताप सिंह गड़िया, गिरीश चंद्र पाठक, हयात सिंह मेहता, केवलानंद जोशी, आलम सिंह मेहरा,अनुर्ज सिंह बनकोटी, महेंद्र सिंह कोश्यारी, खीम सिंह मेहता, सरस्वती गैलाकोट, रतन सिंह आदि मौजूद थे।

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