सीएनई न्यूज संवाददाता, अल्मोड़ा
तिथि — 03 सितंबर, 2020
उपचार के दौरान हुई गर्भवती की मौत के बाद से मृतका के परिजनों को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर यहां जिला अस्पताल में युवा जन संघर्ष मंच के बैनर तले चल रहा धरना—प्रदर्शन प्रशासन के आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया गया है। मंच के संयोजक मनोज बिष्ट भय्यू ने प्रशासन को 15 सितंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है कि तय तारीख तक यदि जांच पूरी कर दोषियों को दंडित नही किया गया तो पुन: उग्र आंदोलन शुरू कर दिया जायेगा। इस दौरान उनकी पुलिस प्रशासन से तीखी नोक—झोंक भी हुई।
युवा जन संघर्ष मंच द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन के चतुर्थ दिवस पर तमाम लोग अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गये। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए मनोज बिष्ट भय्यू ने कहा कि पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कोई अधिकारी गंभीर नही दिख रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि एक बजे तक कोई उनसे वार्ता के लिए नही पहुंचता है तो आंदोलन की अग्रिम रणनीति तय की जायेगी। इसके बाद प्रशासन की ओर से एसडीएम सीमा विश्वकर्मा वार्ता के लिए पहुंची। उन्होंने आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया कि 15 सितंबर तक जांच रिपोर्ट सौंप दी जायेगी। जिस पर मंच के संयोजक मनोज बिष्ट ने कहा कि यदि ऐसा नही होता है तो दोबारा आंदोलन शुरू कर दिया जायेगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। इसके बाद संयोजक मनोज बिष्ट ने अपने साथियों के साथ आंदोलन 15 सितंबर तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की। इस आंदोलन में युवा जन संघर्ष मंच को पूर्व दर्जा राज्य मंत्री बिट्टू कर्नाटक और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के पीसी तिवारी भी समर्थन देने पहुंचे। इस मौके पर प्रदीप बिष्ट (अमर), उक्रांद के गिरीश नाथ गोस्वामी, आशुतोष पवार, मोहित मिश्रा, दीपचंद्र जोशी, फैजान खान, हरीश बनौला, दीपक मेहता, राहुल बिष्ट, सुमित टम्टा, दिलजीत सिंह, महेंद्र सिंह रावत, प्रताप नैनवाल, रिंकू गुप्ता, मनीष मल्होत्रा, अमजद, जाहिद, राकेश बिष्ट, राजेंद्र तिवारी, अमन अंसारी, रोहित शैली, सुरेंद्र चंद्र, रचित पांडे, सार्थक साह, अख्तर हुसैन, कुमुद साह, महेश कुमार, परवेश कुरैशी, पवन नेगी, सूरज जमीवाल आदि मौजूद थे।