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रविवार को सोये और सोमवार मलबे में दफन मिली इनकी लाशें अब तक 05 शव बरामद, कई लापता बदनसीब जोगा सिंह ने खो दी अपनी…


  • रविवार को सोये और सोमवार मलबे में दफन मिली इनकी लाशें
  • अब तक 05 शव बरामद, कई लापता
  • बदनसीब जोगा सिंह ने खो दी अपनी तीन बेटियां

CNE NEWS REPORT

पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील के जुम्मा गांव में बादल फटने के बाद भीषण तबाही का मंजर सामने आया है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार यहां कुल 05 लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जिनमें से 9 से 15 साल की बालिकाएं शामिल हैं।

रविवार को बादल फटने के बाद जो आफत की बारिश हुई उसमें जुम्मा गांव के जामुनी तोक में 05 एवं सिरौउड़यार में 02 आवासीय भवन ढह गये। तीन बच्चियों व चार महिलाओं की जान मलबे में दबने से चली गई। अभी भी दो महिलाएं लापता बताई जा रही हैं। पांच के शव बरामद हो चुके हैं, रेस्क्यू आपरेशन जारी है। राजस्व, पुलिस, एसडीआरएफ, एसएसबी सभी के जवान मलबे के बीच खोज—बीन में जुटे हुए हैं। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈

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मरने वालों में जुम्मा गांव के बदनसीब पिता जोगा सिंह की बेटियां संजना 15 साल, रेनू 11 साल और शिवानी 09 साल शामिल हैं। वहीं दो महिलाएं लापता बताई जा रही हैं। दो घायलों को हेलीकॉप्टर सो धारचूला अस्पताल पहुंचाया गया है। बताया जा रहा है कि जो मौके से वक्त पर भाग गये उनकी जान बच गई, लेकिन जो बदनसीब वहीं रह गये वह जीवन से हाथ धो बैठे। मृतक महिलाओं में सुनीता पत्नी दीपक सिंह व एक अन्य महिला शामिल हैं, जिसकी पहचान ​समाचार लिखने तक नही हो पाई थी।

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वहीं घायलों में नर सिंह पुत्र लाल सिंह, जयमती पत्नी सोबन सिंह, कुमारी अंजली पुत्री मान सिंह, कुमारी दीया पुत्री मान सिंह शमिल हैं। उधर डीएम आशीष चौहान लगातार अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं। मौके पर राहत सामग्री भी भेजी गई है। चिंता की बात तो यह है कि अभी भी यहां भू—स्खलन का खतरा बना हुआ है। उधर डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल के अनुसार तीन बच्चियों की लाश बरामद कर ली गई है, लेकिन जामुनी तोक के ग्राम जुम्मा दो महिलाएं अब भी लापता हैं। तोक सुवाधार में, एक महिला और पुरुष भी लापता हैं।

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आपको बता दें कि जुम्मा गांव में कुल 30 परिवार हैं। रविवार को पूरे दिन मामूली बारिश थी, किसी को पता भी नही था कि यह बारिश इतना बड़ा कहर ढायेगी। पर्वतीय क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में लोग अकसर जल्दी सो जाते हैं। रात करीब 9 बजे जब लोग भोजन करने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे तभी यह हादसा हो गया। सोमवार का सूर्य जब उदित हुआ तो लोग मलबे में दफन थे।

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