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नैनीताल : जिलाधिकारी ने ली चाइल्ड लाईन जिला सलाहकार समिति की बैठक, बोले बच्चे दर्ज करा सकेंगे 1098 पर अपनी समस्या

नैनीताल/भीमताल। विकास भवन सभागार में चाइल्ड लाईन जिला सलाहकार समिति की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि शोषित बच्चों की सहायता एंव मार्गदर्शन करना पुण्य कार्य है ऐसे कार्यो से आत्म संस्तुष्टि मिलती है। उन्होंने कहा कि हर जरूरतमंद बच्चे तक पहुंचकर व उनके अधिकार एंव उनका संरक्षण करना चाइल्ड हैल्प लाईन का उद्देश्य है। इसलिए सभी संवेदशील होकर समन्वय बनाकर कार्य करें। उन्होंने जिले में एक सब चाइल्ड लाईन सेन्टर खोलने का प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी कहा कि चाइल्ड हैल्प लाईन 24 घंटे की आपातकालीन व निःशुल्क सेवा है जिसका नम्बर 1098 है जरूरतमंद बच्चे अपनी समस्या निसंकोच चाइल्ड हैल्प लाईन में दर्ज कर सकते है। उन्होंने बच्चों को जागरूक करने हेतु जिले के सभी विद्यालयों में हैल्प लाईन नम्बर 1098 लिखवाने के निर्देश मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये साथ ही रोडवेज वाहनों में भी हैल्प लाईन नम्बर के स्टीकर भी लगाने के निर्देश दिये। बंसल ने कहा कि विश्वास एक बहुत बड़ी पूंजी है इसलिए हैल्प लाईन नम्बर पर आने वाले प्रत्येक फोन को उठाये व सकारात्मक जवाब दें तथा त्वरित कार्यवाही करें, जिससे विश्वास बने रहे। उन्होंने जरूरतमंद बच्चों व उनके अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बालक/बालिकाओं पर शोषण, दुर्व्यवहार, आक्षय, चिकित्सकीय, शैक्षणिक, सहयोग, मार्गदर्शन, काउन्सलिंग हेतु चाइल्ड हैल्प लाईन पर सम्पर्क करने की अपील की।

बिर्मश संस्था चाइल्ड लाईन की कंचन भण्डारी ने बताया कि चाइल्ड हैल्प लाईन भारत सरकार के सहयोग से निःशुल्क सेवा है इसके अन्तर्गत हैल्प लाईन 24 घंटे निःशुल्क फोन सेवा उपलब्ध है। जिसमें गुमशुदा बच्चे, शौषित बच्चे, घर से भागे बच्चे, जिन्हे ईलाज की जरूरत है, जिने बच्चों को देखभाल व सुरक्षा की जरूरत है वे सभी बालक/बालिका अथवा संबंधित वयस्क डायल कर सकते है। चाइल्ड लाईन टीम 1 घंटे के भीतर शिकायतकर्ता बच्चे तक पहुंच जाती है। उन्होंने बताया कि चाइल्ड लाईन में जनवरी से अब तक 1131 केस दर्ज हुए है जिसमें से अधिकतर केसों का निस्तारण कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मेडिकल हैल्प के 440, शोषण से बचाव के 151, कोविड दौरान खाद्य समाग्री हेतु 363, पुर्नवासन के 24, शल्टर के 18, गुमशुदा 15, काउन्सिलग हेतु 29, विभिन्न प्रमाण-पत्रो संबंधित 38, शिक्षा हेतु सहयोग (स्पोंशरशिप) के 53 केस प्राप्त हुए। उन्होंने बताया कोविड दौरान किशोर-किशोरी संगठन के वाट्सअप ग्रुप बनाये गये जिनके माध्यम से उनको कोविड-19 संक्रमण बचाव, सरकार द्वारा जारी हैल्प लाईन नम्बरों की जानकारियां दी गई तथा 21 ग्राम पंचायतों में बनाये गये कोरेंटीन सेन्टरों में संस्था कीट वितरीत की गई साथ ही महिलाओं, किशोरियों को मास्क व सेनटरी नेकपीन पैड के साथ ही राशन खिलौने आदि भी उपलब्ध कराये गये।

इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने बाल श्रम रोकने हेतु टास्क फोर्स की बैठक ली उन्होंने बाल श्रम रोकने हेतु पर्वतन तेज करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जो प्रतिष्ठान नियोजक बाल श्रम कराते हुए पाया जायेगा उसके खिलाफ तुरन्त एफआईआर दर्ज करते हुए कडी कार्यवाही की जाये। उन्होंने भिक्षावृति, कूडा बीनने वाले बच्चों, बाल श्रम करने वाले बच्चों के साथ ही उनके अभिभावकों की काउन्सिलिग की जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल ड्राप आउट बच्चों को विद्यालयों में पंजिकृत करने के साथ ही जो बच्चे लगातार स्कूलों से अनुपस्थित रहेगे उनकी सूचना प्रधार्नाचार्य द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी व जिला श्रम अधिकारी को देना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करेगे। उन्होंने बाल श्रम टास्क फोर्स के अधिकारियों को नियमित प्रतिष्ठानों व घरों की चैकिंग करने के निर्देश दिये।

बैठक में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. टीके टम्टा, एजीएम बीएसएनएल एलएम तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता, प्रोवेशन अधिकारी व्यौमा जैन, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरूद्ध, सीओ विजय थापा, श्रम पवर्तन अधिकारी मीनाक्षी कांडपाल, हेमा कबडवाल, सीडब्लूसी नीरज चिलकोटी, संगीता राव व आरपी पंत आदि मौजूद थे।

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