शर्मनाक : Private hospital की करतूत, महज 15 हजार के लिए मृतक के परिजनों को नहीं सौंपा शव, मायूस गांव लौट गए पत्नी—बच्चे, वसूली फेल हुई तो सरकारी अस्पताल भिजवा दी लाश, यहां डेढ़ महीने तक मोर्चरी में रखा रहा शव

सीएनई रिपोर्टर कोरोना संक्रमण की जब देश में रफ्तार कम होने के साथ ही अब इस काल की दिल दहला देने वाली ख़बरें भी सामने…

नैनीताल जनपद के युवक की मौत

सीएनई रिपोर्टर

कोरोना संक्रमण की जब देश में रफ्तार कम होने के साथ ही अब इस काल की दिल दहला देने वाली ख़बरें भी सामने आने लगी हैं। हजारों लोगों ने अपने प्रियजनों को कोरोना की वजह से खोया है, लेकिन उससे भी भयानक किस्से तो देश के अस्पतालों के हैं, जहां रूपयों के आगे संवेदनाएं कुछ मायने नही रखतीं। ऐसा ही एक मामला उ.प्र. के हापुड़ से आया है, जहां एक कोरोना मरीज का शव डेढ़ माह तक केवल इसलिए मोर्चरी में रखा रह गया, क्योंकि मृतक के परिजनों के पास अस्पताल को देने के लिए 15 हजार रूपये नही थे।

मिली जानकारी के मुताबिक गत 15 मई को एक कोरोना मरीज को उसके परिजन हापुड़ के एक प्राइवेट अस्पताल में लाये थे। जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया था। मृतक की पत्नी व अन्य परिजनों को अस्पताल प्रशासन ने कहा कि 15 हजार रूपये जमा करके शव ले जाओ, लेकिन हापुड़ में रह रहे इस गरीब परिवार के पास इतने रूपये नही थे। अतएव वह चुपचाप अपने गांव बिहार लौट गये। बाद में प्राइवेट अस्पताल को जब यकीं हो चला कि अब उसके परिजन डेड बॉडी लेने नही आयेंगे तो शव जिला अस्पताल भिजवा दिया गया। जिला अस्पताल की मार्चेरी में यह शव लगभग डेढ़ माह तक यूं ही पड़ा रहा। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈

जीएस मेडिकल के मोर्चरी में इतने समय से रखे शव को लेकर आखिरकार अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों की तलाश शुरू हुई। गुरुवार शाम मृतक की पत्नी बच्चे के साथ वहां पहुंची और शव उठाया गया। उसके बाद एक समाजसेवी संगठन की मदद से शव का अंतिम संस्कार संपन्न हो पाया। यह घटना तो कोरोना काल में निजि अस्पतालों की लूट—खसोट की बानगी भर है। देश भर के अस्पतालों ने कोरोना मरीज व उनके परिजनों के साथ क्या किया यह सर्वविदित ही है।

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हालांकि चिकित्सक का पेशा एक सम्मान का पेशा है और कहते हैं डॉक्टर ही ईश्वर का दूसरा रूप होता है। यही कारण है कि इन्हें सरकार ने फ्रंट लाइन वॉरियर्स भी घोषित किया है, लेकिन इन कोरोन वॉरियर्स कहलाये जाने वालों में कुछ चिकित्सकों ने ऐसी हरकतें कोरोना मरीज व उनके परिजनों के साथ की है कि इंसानियत भी शर्मसार हो जाये। वह चाहे मरते दम तक मरीज के परिजनों से रूपया वसूलना हो या उपचार के नाम हद दर्जे की लापरवाही दिखलाना। अलबत्ता कोरोना काल की इस तरह की घटनाएं भी इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज रहेंगे। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈

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