बागेश्वर । कत्यूरी राजाओं द्वारा निर्मित बैजनाथ मंदिर समूह में स्थित धार्मिक आस्था के प्रतीक भीम पत्थर को शरारती तत्वों ने तोड़ डाला है। यह वहीं पत्थर है जिसे मान्यता के अनुसार नौ लोग एक एक अंगुली का सहारा देकर तो उठा सकते थे, लेकिन अकेले इस पत्थर को कभी कोई नहीं उठा सका।
आज सुबह ही श्रद्धालुओं ने इस पत्थर को दो टुकड़ों में विभाजित देखा तो बैजनाथ में हल्ला हो गया। उसे कुछ अराजक तत्वों द्वारा तोड़ दिया है । हाईकोर्ट के अधिवक्ता डी के जोशी ने प्रशासन से आस्था के प्रतीक भीम पत्थर को क्षतिग्रस्त करने वालों के खिलाफ कार्रावाई की मांग की है। इस पत्थर का वजन 90 किलो बताया जाता था। बैजनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भीम पत्थर में जोरआजमाइश अवश्य करते थे।
आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि यह मंदिर समूह पुरातत्व विभाग के अधीन है इसके बावजूद मंदिर परिसर में रखे गए इस भीम पत्थर को क्षतिग्रस्त किया जाना और जदा गंभीर विषय है।
दूसरी ओर राजमाता जिया कत्यूरी समाज ने जिलाधिकारी बागेश्वर को पत्र लिखकर इस मामले में दोषियों को सजा दिलवाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि भीम पत्थर न सिर्फ कत्यूरी समाज बल्कि भगवान बैजनाथ के सभी श्रद्धाुलओं के लिए आस्था का प्रतीक था।
समाज की प्रबंधकारिणी समिति के सदस्यों ने अपने हस्ताक्षरों से युक्त एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें पुरातत्व विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने विभाग के लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रावाई की भी मांग की है।