बागेश्वर । रोजगार के लिए पलायन कर रहे युवाओं के लिए बागेश्वर के गरुड़ क्षेत्र के मथुरो,पाटली गांव के सूरज प्रकाश महरा एक मिसाल हैं। रुद्रपुर में कंपनी की नौकरी छोड़ सूरज ने खुद का मसाला उद्योग खड़ा कर दिया है। अपनी मेहनत और लगन के बूते उन्होंने कम समय में न केवल लोगों को रोजगार दिया, बल्कि क्षेत्र के किसानों को भी अपने साथ जोड़ा है। उनके उद्योग में किस्म-किस्म के मसाले तैयार किए जा रहे हैं।
सूरज ने एक कंपनी में 7 वर्षों तक नौकरी की। इसके बाद उन्हें अपनी माटी की खुशबू वापस मथुरो पाटली खींच लाई। जनवरी 2016 को उन्होंने छोटे स्तर से मसाले का काम शुरू किया। सूरज ने धैना-लखनी मोटर मार्ग मथुरों में मसाला इकाई की स्थापना की। इसमें बालाजी ब्रांड के मसाले तैयार किए जाते हैं।
कार्य के प्रति उनकी लगन व उनके विशिष्ट उत्पाद को देखते हुए पांच मई 2020 को महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र बी.सी चौधरी ने उन्हें लघु उद्योग में प्रथम पुरस्कार 6,000 प्रदान कर बेहतर काम के लिए प्रेरित किया।
सूरज प्रकाश महरा बताते हैं कि शुरुआत में मसाले तैयार करने के लिए कच्चे माल की कमी हुई। इसे देखते हुए उन्होंने क्षेत्र के गांवों का भ्रमण किया और किसानों से बात की। वर्तमान में आसपास के दर्जनों गांवों के किसान उनकी मसाला इकाई से जुड़े हैं। अभी उनके मसाले कौसानी,गरुड़ और आस-पास के इलाकों में ही जा रहे है ।मांग अधिक होने के चलते वह चाह कर भी बाहर उत्पाद नहीं दे पा रहे है। इसी लिए जल्द ही वे इस इकाई को बढ़े स्तर पर ले जाने की तैयारी कर रहे है।इसके बाद जिले के साथ पूरे प्रदेश में उनके मसाले महकेंगे ।फिलहाल उनका सालाना टर्नओवर 6-7 लाख तक पहुंच चुका है।
जड़ीबूटियों से बनाए जाते हैं मसाले
बालाजी उद्योग के संचालक सूरज महरा के अनुसार मसालों में पर्वतीय जड़ीबूटी तिमूर, कलोंजी, रतनजोत, अलसी बड़ी और हरी इलायची, लौंग, मेथी दाना, काली मिर्च, पीपली, बादयान, जायफल, सौंठ, आंवला, तेजपत्ता, कड़ी पत्ता का प्रयोग किया जाता है।