सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अंतरर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस 11 दिसम्बर के अवसर पर इस बार वैज्ञानिक हिमालयी राज्यों में सतत् पर्यटन पर चिंतन करेंगे। गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान द्वारा इस अवसर पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
संस्थान द्वारा राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन के तहत एक राष्ट्रीय स्तर का विचार गोष्ठी आहूत की है। गोष्ठी में खास तौर से हिमालयी राज्यों के लिए आदर्श पर्यटन के स्वरूप, पर्यटन को सतत विधि से विकसित करने, इसके लिए नीतिगत क्षेत्रों में परिवर्तन जैसे विषयों पर गहन चिंतन होगा। जिसकी अध्यक्षता पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अपर सचित बीवी उमा देवी करेंगी। मंत्रालय की संयुक्त सचिव मंजू पाण्डे सहित पर्यटन और इससे जुड़े विषय विशेषज्ञ व जानकार इसमें हिस्सा लेंगे। पर्यटन और आजीविका से जुड़ी मिशन शोध परियोजनाओं से जुड़े परियोजना संचालक परियोजनाओं की उपलब्धियों की प्रस्तुति देंगे।
संस्थान के निदेशक इं. किरीट कुमार ने बताया कि सतत पर्यटन और उससे जुड़ी आजीविका पर अनेक सफल माॅडल भी प्रस्तुत किए हैं। इन माॅडलों को अन्य हिमालयी राज्यों में प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष वैश्विक स्तर पर जलवायु संवेदी कम प्रभावयुक्त पर्यटन, पर्वतीय समाज को पर्यटन अग्रणी बनाने हेतु सशक्तीकरण एवं अभिनव उत्पादों को विकसित करने हेतु सार्वजनिक-निजी भागीदारी को सुदृढ़ करने पर चिंतन किया जा रहा है। पर्वत दिवस के उपलक्ष्य में नंदादेवी प्रांगण में राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन से जुड़ी परियोजनाओं में तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जिसमें स्टाॅल आम जनता के लिए शनिवार और रविवार दोनों दिन खुले रहेंगे।