
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
धोखाधड़ी एवं गबन मामले के आरोपी कैमुना क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के सीएमडी की जमानत अर्जी सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुलतान की अदालत ने खारिज कर दी। मामला 37 लाख 89 हजार 455 रुपये के गबन का है।
मामले के मुताबिक वादी मुकदमा देवेंद्र प्रसाद पुत्र जीवन राम निवासी ग्राम सीमापानी, थाना चौखुटिया ने चौखुटिया थाने में तहरीर दी। जिसमें कहा गया कि उन्हें 7500 रुपये प्रतिमाह वेतन पर कैमुना क्रेडिट को—आपरेटिव सोसायटी लि. की चौखुटिया शाखा के प्रबंधक के रूप में नियुक्ति दी गई और शाखा खोलने के लिए अभिलेख भी प्रदान किए गए। इस आधार उन्होंने शाखा खोली और बाद में कई लोगों के खाते खोलकर रकम जमा की गई। वर्ष 2019 तक सोसायटी द्वारा मैच्योरिटी पूरी होने पर खाता धारकों को धन वापस दिया गया, लेकिन बाद में धन का भुगतान रोकना शुरू कर दिया। इस पर शंका के दायरे में आकर ग्राहकों ने धन जमा करना बंद कर दिया। कैमुना क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी की चौखुटिया शाखा में मैच्योरिटी पूरी होने वाले 30 खाताधारकों ने 18 लाख 27 हजार 505 रुपये व 67 खाताधारकों और निवेशकों द्वारा 19 लाख 61 हजार 950 रुपये यानि कुल 37 लाख 89 हजार 455 रुपये निवेश किये गये थे, परंतु सोसाइटी ने मार्च 2020 में निवेशकों का लेन—देन संबंधी सॉफ्टेयर बंद कर दिया। तहरीर में कहा गया है कि कैमुना क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के सीएमडी व आरोपी प्रदीप कुमार अस्थाना, निवासी जौनपुर उत्तर प्रदेश, हाल निवासी अलीगंज, लखनऊ ने अन्य लोगों के साथ मिलकर खाताधारकों के 37 लाख 89 हजार 455 रुपये का गबन किया गया। मामले पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार जेल भेजा।
इसी क्रम में आज आरोपी प्रदीप कुमार अस्थाना ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने जमानत का विरोध करते हुए न्यायालय को बताया कि यदि आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है। न्यायालय ने पत्रावली का परिशीलन कर आरोपी के जमानत प्रार्थना पत्र को आज खारिज कर दिया।