सितारगंज न्यूज़ : यमराज साबित हो रहे चोरगलिया मार्ग पर बने गड्ढे
नारायण सिंह रावत
सितारगंज। सितारगंज से चोरगलिया मार्ग दुर्घटनाओं का सबब बन चुका है। खस्ताहाल और जगह-जगह गड्ढे मौत का खुला आमंत्रण है। ऊपर से सिडकुल और खनन में चलने वाले बेतरतीब वाहनों की अंधाधुंध दौड ने अब तक न जाने कितनों की जान ले ली है। इतना ही नहीं सीएचसी से रेफर होने वाले रोगियों की भी इस रास्ते पर जान खतरे में पड़ जाती है। इतना सब होते हुए भी इस मार्ग की मरमस्त की किसी को भी सुध नहीं है। जानकारी के अनुसार सितारगंज चोरगलिया मार्ग की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि इस पर पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है।
स्टेट हाईवे की इतनी दुर्दशा कही और देखने को शायद ही मिले। बुरी तरह क्षतिग्रस्त रोड पर इतने गड्ढे हैं कि पता ही नहीं चलता कि रोड में गड्ढे हैं या गड्डों में रोड। सिडकुल और खनन में लगे सैकड़ो हजारों भारी हलके वाहनों की आवाजाही और तेज रफ्तार से सडक ने दम तोड दिया है। पिछले कई वर्षो से इस मार्ग की स्थिति ज्यों की त्यों ही बनी हुई है। सरकार के नुमाइंदे, तमाम आला अधिकारी, नेता और विपक्ष सब यही से अक्सर गुजरते हैं लेकिन कीमती और आरामदायक गाड़ियों में गड्डों के झटके इन्हें नहीं कुछ भी आभास नहीं करा पारा पाते। इस सितारगंज चोरगलिया मार्ग स्टेट हाईवे के किनारे रहने वाले लोग भी दुखी और परेशान है।
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रोड से उड़ती धूल मिट्टी लोगों में सांस रोगों की संख्या में निरतंतर इजाफा कर रही है। साथ ही टूटी रोड से गुजरते तेज रफ्तार से गुजरते वाहनों के पहियों से छिटक कर पत्थर रोड किनारे लोगों को घायल कर चुके हैं। हाईस्कूल व डिग्री कालेज के आलावा कई विद्यालय इस मार्ग् के किनारे हैं। जहां से बच्चों का रोज आना जाना होता है। इतना ही नहीं, सितारगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी एक तरह से रेफर सेंटर बन जाने के कारण यहां से हर रोज कम से दो चार रोगी इसी मार्ग से हल्द्वानी सुशीला तिवारी हॉस्पिटल या फिर अन्य अस्पतालों में जाते हैं। एंबुलेंस के बावजूद रोगियों की जो हालत इस रास्ते के कारण होती है, यह तो बस रोगियों के तीमारदार ही बता सकते हैं।
इतना ही नहीं, अब तक यह मार्ग कई लोगों की दुघर्टना में जान भी ले चुका है तो कईयों को अपंग भी बना चुका है। शासन और प्रशासन बेसुध है, शायद उसे किसी बड़े हादसे का इंतजार है! लेकिन होगा तो फिर भी गलत ही है। इसलिए इस मार्ग की तुरंत मरमत की जानी चाहिए ताकि लोग को असुविधा और जान के संकट से बच सके।