हरिद्वार की तर्ज पर बागनाथ की नगरी को विकसित करना था सपना
परिवहन निगम के इतिहास में पहली बार उनके कार्यकाल में 10 करोड़ का लाभ
दीपक पाठक, बागेश्वर
कैबिनेट मंत्री चंदन दास ने अपने विधायकी कार्यकाल समेत एक साल से अधिक मंत्रित्वकाल में कई ऐसे कार्यों को अंजाम दिया, जो हमेशा उनकी याद दिलाते रहेंगे। स्व. चंदन राम दास ने अपने एक साल के मंत्रित्वकाल में वृद्वावस्था व दिव्यांग पेंशन बढ़ाने के साथ ही प्रदेश में 600 नई बसें खरीदने का लक्ष्य रखा था। उनके कार्यकाल में राज्य परिवहन निगम ने 10 करोड़ का लाभ अर्जित किया, जो राज्य के निगम के इतिहास में पहली बार हुआ।
कैबिनेट मंत्री दास बुधवार को दुनिया छोड़ गए और अब उनकी यादें हमेशा रहेंगी। बागनाथ की नगरी बागेश्वर को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करने का सपना वह वर्षों से देखते आ रहे थे और अब उसे साकार करने में लगे थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में बाबा बागनाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए इसे प्रसाद योजना व मानसखंड में शामिल कराया। इसके साथ ही सरयू नदी में झूला पुल के स्थान पर स्थायी पुल बनाया। गरूड़ में मेडिकल कालेज की स्वीकृति दिलाने के साथ ही खेल स्टेडियम, जिला चिकित्सालय में विभिन्न सुविधाएं प्रदान करना उनकी विशेष उपलब्धि रही।
बागेश्वर में रोडवेज डिपो की स्थापना करवाई और गत 04 सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री के हाथों इसका शुभारंभ करवाया था। इसके बाद वे अस्वस्थ होते हुए भी बागेश्वर डिपो में नई बसें उपलब्ध कराने के साथ ही बागेश्वर डिपो में पेटोल पंप व कार्यशाला को स्वीकृत करवा चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश में उन्होंने अपने कार्यकाल में वृद्वावस्था व दिव्यांग पेंशन को बढ़ाकर 15 सौ रूपये करवाया। इसके अलावा प्रदेश के परिवहन बेड़े में 600 बसें संचालित करवाना उनका लक्ष्य था। जिसमें प्रथम चरण में कई बसें भी खरीदी जा चुकी हैं। इलेक्टिक बसों का संचालन मैदानी क्षेत्रों में कराना उनकी प्राथमिकता में था। राज्य के इतिहास में पहली बार उनके प्रयासों से राज्य परिवहन निगम को 10 करोड़ का लाभ अर्जित हुआ। यहीं नहीं उनके प्रयासों से रोडवेज चालकों व परिचालकों को नियमित वेतन व वर्दी आदि की सुविधा प्रदान की।
स्वीकृति के अंतिम चरण में हैं कई कार्य
बागेश्वरः जिले में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने कई ऐसे विकासीय प्रयास किए कि ये कार्य स्वीकृति के अंतिम चरण में हैं। इन कार्यों में बागेश्वर में खेल स्टेडियम, सीवर लाइन, खोली में चिकित्सालय, गरूड़ महाविद्यालय में स्नातकोत्तर शुरू करना एवं नये विषयों की स्वीकृति दिलाना आदि शामिल हैं, जो कि स्वीकृति के अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं।