चेतावनी : कार्मिकों की आवाज दबाने की हर कोशिश का मुंहतोड़ जवाब मिलेगा, उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच की वेबिनार के जरिये दो टूक चेतावनी, एकता यात्रा का दूसरा चरण 18 सितंबर से

सीएनई संवाददाता, अल्मोड़ादिनांक — 7 सितंबर, 2020उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच ने हड़तालों के प्रति जवाबदेही के सवाल को उठाते हुए चरणबद्ध आंदोलन के लिए कमर…

सीएनई संवाददाता, अल्मोड़ा
दिनांक — 7 सितंबर, 2020

उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच ने हड़तालों के प्रति जवाबदेही के सवाल को उठाते हुए चरणबद्ध आंदोलन के लिए कमर कस ली है। तय किया है एकता यात्रा का दूसरा चरण 18 सितंबर को खटीमा से शुरू होगा। मंच ने वेबिनार आयोजित कर मंच ने भावी कार्यक्रमों पर मंथन किया और दो टूक चेतावनी दे डाली है कि कार्मिकों की आवाज को दबाने की हर कोशिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
कार्मिक एकता मंच ने वेबिनार में निर्णय लिया कि गंगोत्री के जल के कलश के साथ निकली एकता यात्रा का दूसरा चरण 18 सितंबर को खटीमा से शुरू होगा। वेबिनार में सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ जांच के आदेश को हास्यास्पद करार देते हुए आगाह किया कि यदि यह आदेश अविलंब वापस नहीं लिया, तो इसके गम्भीर परिणाम होंगे। मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने वेबिनार में कहा जिस हड़ताल के तहत श्री जोशी ने आवाज उठाई थी, उसकी जांच करने से पूर्व इस बात की जांच होनी चाहिए कि उस हड़ताल के लिए जवाबहदेह कौन है। उन्होंने समूचे कार्मिक समुदाय से इस जवाबदेही के सवाल पर एक मंच में आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर कार्मिकों को किसी राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिए। वेबिनार में जवाबदेही के सवाल को लेकर गत 30 अगस्त को गोलू देवता मंदिर से निकाली गई एकता यात्रा के पहले चरण के सफलता की समीक्षा हुई। तय हुआ कि श्राद पक्ष के बाद 18 सितम्बर को एकता यात्रा फिर से शुरू होगी। बताया गया कि कुमाऊं मण्डल के जिलों से होते हुए एकता यात्रा गढ़वाल मण्डल के जनपदों में जायेगी और 1 अक्टूबर को देहरादून स्थित शहीद स्थल पर खुली विचार गोष्ठी होगी। तब दो अक्टूबर को रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्थल में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जायेगी। मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे राज्य आंदोलनकारियों की शहादत और कार्मिकों की बगावत से उत्तराखंड राज्य बना है और आज कार्मिकों की आवाज को दबाने की कोशिश हुई, तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा।
वेबिनार में कार्मिक संगठनों का शीर्ष स्तरीय महासंघ नहीं होना सबसे बड़ी कमी है। महासंघ के लिए सभी कार्मिकों से खुलकर आगे आने का आह्वान किया गया। एकता मंच के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेन्द्र पाठक एवं महासचिव दिगम्बर फुलोरिया ने कहा कि यदि सरकार समझ रही कि सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ जांच बैठाकर वह कार्मिकों की आवाज को दबा देगी, तो यह उसकी बड़ी भूल होगी। वेबिनार का संचालन करते हुए मंच के गढ़वाल मण्डल संयोजक सीताराम पोखरियाल ने कहा कि एकता मंच की मुहिम से कार्मिक समुदाय में एक नई उम्मीद जगी है और पूरा गढ़वाल मण्डल एकता यात्रा के स्वागत को तैयार है। इस वेबिनार को मनवीन्दर बर्त्वाल, नरेश भट्ट, प्रदीप रावत, लक्ष्मी नेगी, सरिता लटवाल, भावना पाण्डे, श्याम सिंह रावत, रविन्द्र कुमार, विजय तिवारी, नीरज काण्डपाल, राजू लटवाल, आनन्द सिंह आदि ने विचार रखे।

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