— पावर कार्पोरेशन की सुरंग के ऊपर भूधंसाव से खतरे की आशंका से हरकत
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
उत्तर भारत पावर कॉर्पोरेशन के अनुरोध पर लखनऊ से भू वैज्ञानिक कपकोट पहुंचे। यहां प्रशासन की टीम के साथ उहोंने सुंरग क्षेत्र का मौका मुआयना किया। क्षेत्र के लोगों से भी बातचीत की। टीम ने सुरंग क्षेत्र का मौका मुआयना किया। मिट्टी और रेता को एकत्रित किया। पहाड़ियों की लोकेशन ली। इसके बाद टीम उसे लेकर लौट गई है। एक सप्ताह के बाद जांच रिपोर्ट आएगी। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
मालूम हो कि कपकोट के खारबगड़ में गत दिनों भू-धंसाव हो गया था। जहां भू-धंसाव हो रहा था उसके नीचे पावर कार्पोरेशन की सुरंग भी है। इसके बाद खारबगड़ के ग्रामीण दहशत में आ गए। उन्होंने इसकी शिकायत प्रशासन से की। प्रशासन ने जांच के बाद पावर कंपनी को नोटिस जारी किया। इसे जल्द ठीक करने के निर्देश दिए। इधर पावर कार्पोरेशन की मांग पर डॉ. प्रभाष पांडेय, रिटायर्ड उप महानिदेशक भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षक लखनऊ से बुधवार को मौके पर पहुंचे। उन्होंने सुरंग क्षेत्र का भ्रमण किया। जहां भू-धंसाव हो रहा था वहां का मौका मुआयना किया। मिट्टी और रेता एकत्र किया। वहां की पहाड़ों की भी लोकेशन ली। आपदा प्रभावित खारबगड़ के लोगों से भी बात की।
अब टीम मौका मुआयना कर लौट गई है। उनके साथ प्रशासन की ओर से कानून गो त्रिभुवन बोरा, राजस्व उपनिरीक्षक जगदीश प्रसाद, ग्राम प्रधान भुवन ऐठानी, हयात सिंह बड़ती, दयाल सिंह आदि ग्राीमण मौजूद रहे। कपकोट में उत्तर भारत की सुरंग निर्माण के लिए 2011-12 तक ब्लास्टिंग हुई। 2016 से यहां बिजली उत्पादन होने लगा है। अब क्षेत्र में 2020-21 से सौंग मुनार के दुलम से वरुख बड़ेत के लिए सड़क निर्माण हो रहा है। इस मार्ग निर्माण में आज भी ब्लास्टिंग हो रही है। इसकी भी जांच की जानी चाहिए।