हल्द्वानी। आरटीओ संदीप सैनी ने आज जो कारनामा कर दिखलाया, उसकी हर तरफ चर्चा है। सैनी साहब ने एक यात्री बनकर प्राइवेट बस में यात्रा की। जिसकी भनक किसी को नहीं लगी। इस दौरान उन्होंने जो अव्यवस्थाओं को देखा, वह खुद भी हैरान हो गये। उन्होंने पाया कि कंडक्टर के पास कोई लाइसेंस नहीं है। चालक मोबाइल पर बात करते बस को चला है। यही नहीं, पैसे वसूलने के बावजूद उन्हें टिकट तक नहीं दिया गया।
आपको बताना चाहेंग कि प्रदेश में निजी बसों की मनमानी की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। बावजूद इसके आज तक किसी अधिकारी ने कार्रवाई नहीं की। अधिकारी हो तो हल्द्वानी के आरटीओ जैसा, वह खुद यात्री बन आज एक बस में चढ़ गये। इस दौरान उन्होंने सारी अव्यवस्थाओं को पकड़ लिया और कड़ी कार्रवाई भी की।
दरअसल, आरटीओ संदीप सैनी ने निश्चय किया कि वह यात्री सुविधाओं का खुद जायजा लेंगे। जिसके लिए उन्होंने नायाब तरीका निकाला। वह शनिवार के रोज यात्री बनकर बाजपुर बस अड्डे पहुंचे। इसके बाद कालाढूंगी जाने वाली बस में चढ़ गए।
आगे का हाल यह रहा कि बस में ड्राइवर उन्हें फोन पर बतियाता दिखा। कंडक्टर किसी बादशाह से कम बिहेव नहीं कर रहा था। उसने रामनगर के लिए उनसे 70 रुपये तो चार्ज कर लिए, लेकिन टिकट नहीं दिया। यह नजारा देख आरटीओ के भी होश उड़ गये। उन्होंने एक फोन किया। जिसके बाद बस को चेकिंग के लिए रास्ते में ही रोक दिया गया। चालक-परिचालक को कुछ समझ ही नहीं आया।
आम्रपाली के पास नजारा देखने लायक था। विभागीय अधिकारी जमा हो गए। जो बस की चेकिंग में जुटे थे। इस दौरान आरटीओ ने यात्री बन शिकायत करी कि बस केे कंडक्टर के पास लाइसेंस नहीं है। यह भी बताया कि चालक मोबाइल पर बात करते चल रहा है।
जब आरटीओ साहेबान ही निर्देश दे रहे थे तो कार्रवाई क्यों न होती। तुरंत बस का चालान हुआ। साथ ही रोक-रोक अन्य बसों की भी जांच की गई। इस दौरान तमाम अनियमितताएं सामने आ गई। इधर आरटीओ ने कहा कि बसों को तो उन्होंने स्वयं देख लिया। बस अड्डों के हाल भी बुरे हैं। अलबत्ता आरटीओ की इस कार्रवाई की हर तरफ आज चर्चाएं हैं।
Strict action must be taken against such RTO . What this RTO was doing till date? Must be suspend and some permanent responsibility given to these government servents