सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. शेर सिंह बिष्ट की पुण्य तिथि कल, जुटेंगे तमाम रचनाकार

सीएनई रिपोर्टर, हल्द्वानी हिंदी—कुमाउनी के प्रतिष्ठित साहित्यकार स्व. प्रो. शेर सिंह बिष्ट की पुण्यतिथि 07 अप्रैल को हल्द्वानी में धूमधाम से मनाई जायेगी। कार्यक्रम में…


सीएनई रिपोर्टर, हल्द्वानी

हिंदी—कुमाउनी के प्रतिष्ठित साहित्यकार स्व. प्रो. शेर सिंह बिष्ट की पुण्यतिथि 07 अप्रैल को हल्द्वानी में धूमधाम से मनाई जायेगी। कार्यक्रम में तमाम वरिष्ठ साहित्यकार व गणमान्य नागरिक शिरकत करेंगे।

स्व. बिष्ट के अनुज राजकीय इंटर कालेज खूंट में प्रवक्ता माधो सिंह बिष्ट ने बताया कि प्रथ पुण्य तिथि का कार्यक्रम कल 07 अप्रैल को हीरा नगर स्थित पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच में आयोजित होगा। उन्होंने बताया कि प्रो. शेर सिंह बिष्ट का गत वर्ष 18 अप्रैल, 2021 केा कोरोना की चपेट में आ जाने से आकस्मिक निधन हो गया था।

ज्ञात रहे कि प्रो.बिष्ट का जन्म 18 अप्रैल, 2021 को अल्मोड़ा की भनोली तहसील अंतर्गत ग्राम डुंगरा में एक साधारण कृषक परिवार में हुआ था। वह नरसिंह बिष्ट व उर्मिला बिष्ट की संतान थे। इन्होंने हाईस्कूल ज्ञानोदय इंटर कालेज भनोली, इंटर सर्वोदय इंटर कालेज जैंती (लमगड़ा), स्नातक अल्मोड़ा महाविद्यालय तथा स्नात्तकोत्तर डीएसबी परिसर, नैनीताल से किया था। जिसमें उन्होंने प्रथम श्रेणी तथा 1976 को स्वर्ण पदक प्राप्त किया। इसके अलावा प्रो. बिष्ट ने पीएचडी 1980 तथा डी.लिट 1988 में किया। फिर वह डीएसबी कालेज नैनीताल में प्राध्यापक के पद पर नियुक्त हुए। 1981 में नैनीताल से स्थानान्तरित होकर अल्मोड़ा परिसर में आ गये। तब से अध्यापन के साथ—साथ साहि​त्य सेवा में भी जुटे रहे। उन्होंने 46 पुस्तकों की रचना की। साथ ही तमाम राष्ट्रीय पुरस्कारों से समय—समय पर नवाजे गये। गत वर्ष कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद वह दो रोज सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में भर्ती रहे, वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। ज्ञात रहे कि प्रो. बिष्ट ने लगभग 42 वर्षों तक सहायक प्राध्यापक, उपाचार्य, आचार्य, कुलानुशासक, हिंदी विभागाध्यक्ष आदि पदों पर रहे तथा 31 मार्च, 2018 को यो सेवानिवृत हो गये थे। प्रो. बिष्ट का परिवार में उनकी पत्नी विमला बिष्ट तथा इनके दो पुत्र पृथ्वीराज सिंह और आदित्यप्रताप सिंह है।

डॉ. बिष्ट को मिले पुरस्कारों व सम्मान —

  1. एम.ए. में प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर स्वर्ण पदक (1976)
  2. आचार्य नरेन्द्रदेव अलंकार सम्मान (1993)
  3. उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा सुमित्रानंदन पंत नामित पुरस्कार (2001)
  4. यू.जी.सी. कैरियर अवार्ड (1993-1996)
  5. उत्तरांचल रत्न अवार्ड (2003)
  6. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय साहित्य सम्मान (2003)
  7. भारत ज्योति अवार्ड (2006)
  8. विवेक गोयल साहित्य पुरस्कार (2009)
  9. महाकवि हरिशंकर आदेश साहित्य- चूड़ामणि सम्मान (2009)
  10. मोहन उप्रेती शोध समिति सम्मान (2010)
  11. देवसुधा रत्न अलंकरण सम्मान (2010)
  12. उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा डॉ.गोविन्द चातक सम्मान (2011)
  13. शेरदा ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार (2013)
  14. श्री गुसाई सम्मान, मुम्बई (2013)
  15. केन्द्रीय हिंदी निदेशालय का राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार (2015)
  16. लाइव टाइम अचीवमेंट अवार्ड (2016)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *