कॉर्बेट में खिला दुर्लभ गोल्डन येलो यूलोफिया, वनस्पति विज्ञानी गदगद, पढ़िये खासियत

सीएनई रिपोर्टर मानव सभ्यता के विकास ने प्रकृति को लगातार प्रभावित किया है। शहरों के विकास से निरंतर पैदा हो रहे कंक्रीट के जंगलों ने…

सीएनई रिपोर्टर

मानव सभ्यता के विकास ने प्रकृति को लगातार प्रभावित किया है। शहरों के विकास से निरंतर पैदा हो रहे कंक्रीट के जंगलों ने वन्य क्षेत्रों के निरंतर ह्रास किया है। इसके बावजूद आज भी प्रकृति गिने—चुने वन्य क्षेत्रों में अठखेलियां कर रही है। इसका जीवंत प्रमाण कॉर्बेट पार्क क बिजरानी रेंज है, जहां विलुप्तप्राय: हो चुका अत्यंत दुर्लभ् आर्किड प्रजाति का पौंध ‘गोल्डन येलो यूलोफिया’ (Eulophia flava) मिला है। जिसको देखने के बाद वनस्पति विज्ञानी गदगदग हैं और भविष्य को लेकर आशान्वित हुए हैं।

दरअसल, एक लंबे अर्से के बाद कॉर्बेट पार्क के बिजरानी रेंज के कंपार्टमेंट 09 से वनस्पति विज्ञानियों को प्रफुल्लित करने वाला समाचार मिला है। जैव विविधता को लेकर जाने वाले इस क्षेत्र में शहरों के कोलाहल से दूर शांत प्रकृति निरंतर विभिन्न प्रजातियों के वृक्ष और पौंधों को जन्म दे रही है। जो लोग प्रकृति से प्रेम करते हैं, उनके लिए यह क्षेत्र किसी स्वर्ग से कम नहीं है। बता दें​ कि काॅर्बेट पार्क में 275 के करीब उच्च वृक्ष प्रजाति, 200 से ज्यादा छोटी प्रजाति के पौधे तथा 180 से अधिक प्रजातियों के छोटे फर्न, शैवाल पौधे मौजूद हैं। यही नहीं, यहां ढिकाला, पटेर पानी, खिनानोली, बिजरानी, जमुनागाड़, मोहनपानी गोजपानी में हरी घास के सुंदर मैदान हैं।

उत्साहित है कार्बेट पार्क प्रशासन

पीले रंग के बेहद खूबसूरत दुर्लभ पौधे का वैज्ञानिक नाम Eulophia flava है। यह आर्किड प्रजाति के पौध की श्रेणी में आता है। बेहद सुंदर दिखने वाला यह पौधा अफ्रीका, साउथ ईस्टर्न एशिया के खुले वनों में पाया जाता है। इस पर April to June तक फूल आते हैं। यह शुष्क वातावरण में भी आसानी से बचा रहता है। येलो यूलोफिया यानि Eulophia flava के मिलने से कॉर्बेट पार्क प्रशासन में खासा उत्साह देखा जा रहा है। यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि इससे पूर्व यह पौधा कब दिखाई दिया था।

आर्किड की है 1256 प्रजातियां

उल्लेखनीय है कि आर्किड पौधों की पूरे विश्व में 1256 प्रजातियां पाई जाती हैं। फूलों की दुनिया का यदि इसे राजा कहा जाये तो अतिशियोक्ति नहीं होगी। भारत में आर्किड की सबसे अधिक प्रजातियां Arunachal Pradesh में मिलती हैं। यहां अब तक 612 प्रजातियों की गिनती हो पाई है। भारत के 10 भौगोलिक जोन अंतर्गत हिमालय जोन में इसकी सर्वाधिक प्रजातियां देखी जा सकती हैं।

यह भी जानिये

गोल्डन येलो यूलोफिया (Golden yellow ulofia) एक स्थलीय आर्किड (Terrestrial orchid) है। यह 20-30 सेमी लंबा होता है। पौधे में 2-5 आयताकार नुकीले पत्ते होते हैं। जो कि 10-25 सेमी लंबे होते हैं। सुनहरे पीले रंग के फूल 10 सेंटीमीटर लंबे, 20-40 सेंटीमीटर लंबे पत्ती रहित तनों पर पैदा होते हैं। फूलों के डंठल 1 सेमी लंबे होते हैं।

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