रामनगर। राज्य स्थापना दिवस के 20 वर्ष बाद भी राज्य निर्माण के सवालों का समाधान न होने पर राज्य आंदोलनकारियों ने आक्रोश जताते हुए शहीद पार्क लखनपुर में धरना दिया तथा संकल्प लिया कि जब तक राज्य निर्माण के सवाल समान शिक्षा, सबको स्वास्थ्य, सबको रोजगार, पहाड़ का पानी, पहाड़ की जवानी, गैरसैंण राजधानी नहीं बन जाती है, राज्य निर्माण के सवालों का समाधान नहीं हो जाता संघर्ष जारी रहेगा।
शहीद पार्क लखनपुर में राज्य आंदोलकारी प्रभात ध्यानी के संचालन में हुई सभा में वक्ताओं ने इस बात को लेकर आक्रोश दिखा कि 20 साल पूर्व जो अस्पताल, स्कूल स्थापित थे आज वहां अध्यापक, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, कर्मचारी ना होने से वीरान पड़े हुए हैं। गांव में मूलभूत सुविधाएं, रोजगार ना होने के कारण पलायन बदस्तूर जारी है। देश को पानी बिजली देने वाला अपना उत्तराखंड खुद प्यासा है तथा महंगी बिजली लेने को त्रस्त है। राजधानी गैरसैण, परिसीमन, खटीमा, मंसूरी मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा, जल, जंगल जमीन पर जनता के अधिकार सपना बनकर रह गया है। वक्ताओं ने आह्वान किया कि शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए, राज्य की अवधारणा को लागू करने के लिए जनता को एक बार फिर से सड़कों पर उतरना पड़ेगा। इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारियों ने शहीद एवं दिवंगत राज्य आंदोलकारियों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी।
शीला शर्मा, सुमित्रा बिष्ट, ललित उप्रेती मुनीष कुमार, मनमोहन अग्रवाल, मनिंदर सिंह सेठी, इंद्र सिंह मनराल, नवीन नैथानी, हीरा सिंह रावत, फ़ज़ल खान, नवाब अहमद, नईम अहमद चौधरी, रईस अहमद, पान सिंह नेगी, डीडी सती, चंद्रशेखर जोशी, हरीश भट्ट, योगेश सती, डॉ. निशांत पपनै, प्रभात ध्यानी, इंद्र लाल शाह व मोहन तिवारी आदि उपस्थिति थे।