सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिला पंचायत में व्याप्त अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर सदस्यों ने धरना दिया। उन्होंने नारेबाजी की और पूर्व में दो बार हुए समझौतों का पोस्टर लांच किया। जिसमें जिलाधिकारी नाराज सदस्यों को जूस पिलाकर उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। तीसरी बार वह धरने पर हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
सोमवार को जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार के नेतृत्व में आठ सदस्य धरने पर बैठे। आयोजित सभा में कहा कि जिला पंचायत की अनियमितताओं की जांच को लेकर पूर्व में दो बार धरना दिया। जिला पंचायत का धरना ऐतिहासिक रहा और 74 दिन के बाद उन्हें जूस पिलाकर उठाया गया। इससे पूर्व भी धरना दिया गया। जांच कराने का आश्वासन दिया गया। लेकिन अभी तक भ्रष्टाचार के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। बीते माह 21 अक्टूबर को जिला पंचायत की सामान्य बैठक आयोजित थी। जिसमें फिर से मनमानी और विकास के धन की बंदरबांट की गई। बहुमत से बजट पारित कर दिया गया।
सदस्यों ने कहा कि महिला जिला पंचायत सदस्यों को कोतवाल ने धमकाया और उनसे अभद्रता की। उनके विरुद्ध केस दर्ज करने की धमकी दी गई। उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। इस दौरान सदस्य गोपा धपोला, सुरेंद्र सिंह खेतवाल, रेखा देवी, इंदिरा परिहार, हरीश ऐठानी, बंदना ऐठानी, रूपा कोरंगा, पूजा देवी आदि उपस्थित थे।