पालिका में हुई बैठक, DSA Flat को बचाने का लिया संकल्प
सीएनई रिपोर्टर। नैनीताल के मल्लीताल में स्थित डीएसए फ्लैट (DSA Flat Nainital) शहर की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। इस मैदान को लेकर आज असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। यहां होने वाली प्रतियोगिताओं के आयोजन और स्वामित्व को लेकर उपजा विवाद आज की तारीख तक सुलझ नहीं पाया है। पालिका प्रशासन, जिला क्रीड़ा संघ और खेल विभाग में यह मैदान किसका होगा, इसका निर्णय होना शेष है। हालांकि पालिकाध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल ने गत दिनों पालिका में आयोजित बैठक में यह साफ कर दिया है कि डीएसए खेल मैदान नैनीताल की धरोहर है और इसे कतई लीज पर नहीं दिया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि डीएसए खेल मैदान नैनीताल की वह ऐतिहासिक धरोहर है, जहां प्रतियोगिताओं का आयोजन द्वितीय विश्व युद्ध में भी नहीं रुका था। ज्ञात रहे कि यहां ट्रेड्स कप हॉकी प्रतियोगिता 1922 में शुरू हुई थी। 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी यह प्रतियोगिता जारी रही। प्रतियोगिताओं की यदि बात करें तो 1899 में रामपुर कप फुटबॉल प्रतियोगिता,
1902 में मोदी हॉकी प्रतियोगिता, 1922 मे ट्रेड्स कप हॉकी प्रतियोगिता, 1922 लैंडो लीग फुटबॉल प्रतियोगिता तथा 1947 में स्वतंत्रता दिवस फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था। वर्तमान में कोविड में दो वर्ष बाधित होने के बाद इस वर्ष इसका शताब्दी वर्ष है। जून के पहले सप्ताह में प्रतियोगिता शुरू होनी है। हालांकि इन दिनों इस प्रतियोगिता की तैयारी होती नहीं दिख रही है।
खेल विभाग को लीज पर दिए जाने पर विवाद
बताना चाहेंगे कि ऐतिहासिक डीएसए ग्राउंड को तीस वर्षों की लीज पर खेल विभाग को सौंपे जाने के बाद विवाद की स्थिति पैदा हो गई। पालिका इस फैसले का कड़ा विरोध कर रही है। नगरपालिका अध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि इस मैदान को किसी भी संस्था को लीज पर नहीं दिया जाएगा और इसे नगर पालिका स्वयं संरक्षित व संजोकर रखेगी।
नैनीताल का आंगन, हमारी विशेष पहचान है यह खेल मैदान : डॉ. खेतवाल
डॉ. खेतवाल का कहना है कि “फ्लैट्स मैदान नैनीताल का आंगन है। यह न सिर्फ नगर के खिलाड़ियों के लिए, बल्कि पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों के लिए भी एक सुलभ स्थान है। यह मैदान हमारी पहचान है।” इस मैदान ने नैनीताल को तीन ओलंपिक खिलाड़ी और सैकड़ों राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी दिए हैं।
नगर पालिका के पास ही रहनी चाहिए यह अमूल्य धरोहर : साह
बैठक में कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व क्रीड़ा अधिकारी एवं डीएसए के 18 वर्षों तक महासचिव रहे घनश्याम लाल साह ने बताया कि फ्लैट्स खेल मैदान पर 1889 से रामपुर फुटबॉल कप की शुरुआत हुई और 1922 से शुरू हुआ हॉकी का राष्ट्रीय टूर्नामेंट द्वितीय विश्व युद्ध के समय भी जारी रहा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह मैदान नगर की अमूल्य धरोहर है और इसे केवल नगर पालिका के अधीन ही रहना चाहिए।
एकजुट संघर्ष का ऐलान
बैठक में फ्लैट सब-कमेटी के अध्यक्ष अंकित चंद्र, सभासद मनोज साह जगाती, प्रो. देवेंद्र सिंह बिष्ट, वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश जोशी, आर्य समाज के प्रबंधक केदार सिंह रावत सहित कई वक्ताओं ने मैदान की रक्षा के लिए संघर्ष की घोषणा की। सुप्रीम कोर्ट के 1995 के निर्णय का हवाला देते हुए पार्किंग के निर्माण को भी अस्वीकार्य बताया गया। सभासद जितेंद्र पांडे ‘जीनू’, वरिष्ठ खिलाड़ी मनोज बिष्ट, भुवध बिष्ट और अन्य वक्ताओं ने कहा कि फ्लैट्स मैदान के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। सभी ने डीएसए की निष्पक्ष कार्यप्रणाली की सराहना की और कहा कि मैदान पर कोई भी राजनीतिक या आर्थिक कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बैठक में चंद्र लाल साह, राजेश साह, मुन्नी तिवारी, लता दफौटी, सपना बिष्ट, काजल आर्या, गीता उप्रेती, राकेश पंवार, रमेश चंद्र, भगवत रावत, बाबू लाल, पूरन सिंह बिष्ट, शैलेन्द्र बर्गली, पवन खड़ायत, धर्मेंद्र शर्मा, आशीष बजाज, आलोक चौधरी, धीरज बिष्ट, रवि जोशी, खजान डंगवाल, दीपक बिष्ट, चन्दन भंडारी, प्रदीप पांडेय, के. के. शर्मा, सुरेश कंडवाल, केदार सिंह रावत सहित नगर के सभी प्रमुख क्लबों के खिलाड़ी व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।