सीएनई रिपोर्टर, गरुड़ (बागेश्वर)
तहसील के ह्वील-कुलवान गांव में इस बार आलू की रिकॉर्ड तोड़ फसल हुई हैं। जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। उद्यान प्रभारी विक्रम सिंह ने भी काश्तकारों के खेतों में जाकर आलू की फसल का निरीक्षण किया।
गोमती घाटी के ऊंचाई में बसे ह्वील-कुलवान गांव में काश्तकार इंद्र सिंह बिष्ट ने उद्यान विभाग से आलू की कुफरी ज्योति प्रजाति का बीज लेकर पंद्रह नाली में रोपण किया। उन्होंने बताया कि फसल उम्मीद से काफी बेहतर हुई है। इसके साथ ही उन्होंने पैंतीस नाली में पहाड़ी आलू का भी रोपण किया। अदरक व हल्दी भी रोपित की गई।सभी फसलों की काफी अच्छी पैदावार हुई है। इसी गांव के प्रगतिशील काश्तकार भुवन सिंह बिष्ट ने भी पैंतीस नाली भूमि में आलू का सफल रोपण किया। उन्होंने उद्यान विभाग से पचास वर्ग मीटर में पॉलीहाउस का निर्माण करवाया, जिसमें वे बेमौसमी सब्जी उत्पादन कर रहे हैं।
पिंगलों केंद्र के उद्यान प्रभारी विक्रम सिंह ने निरीक्षण कर बताया कि ह्वील-कुलवान के इंद्र सिंह बिष्ट एक प्रगतिशील काश्तकार हैं। उनसे प्रेरणा लेकर गांव के अन्य लोग भी सब्जी उत्पादन कर स्वावलंबी बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांव के अनुसूचित तोक दियागैर में काश्तकारों ने चालीस नाली में आलू रोपित किया है। काश्तकारों ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा समय-समय पर उन्हें विभिन्न निवेश (कीट व्याधि नाशक, बीज, खाद आदि) दिए जाते हैं और मार्गदर्शन किया जाता है।
तकनीकी मार्गदर्शन का अच्छा परिणाम—विक्रम
उद्यान सचल दल पिंगलों व वज्यूला के प्रभारी विक्रम सिंह कहते हैं कि जिला उद्यान अधिकारी के सफल संचालन एवं विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन एवं काश्तकारों के परिश्रम के बहुत सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। काश्तकार सब्जी उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
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