अल्मोड़ा: एकजुट होकर धरने पर बैठे पेंशनर, विधायक को सौंपा ज्ञापन

— गोल्डन कार्ड के नाम पर पेंशन कटौती से बढ़ा आक्रोश— विधायक से मुद्दे को विधानसभा में उठाने का अनुरोध सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ागोल्डन कार्ड के…

— गोल्डन कार्ड के नाम पर पेंशन कटौती से बढ़ा आक्रोश
— विधायक से मुद्दे को विधानसभा में उठाने का अनुरोध

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
गोल्डन कार्ड के नाम पर शोषण का आरोप लगाते हुए आज अल्मोड़ा में जोरशोर से पेंशनरों ने अपनी आवाज उठाई और उन्होंने यहां धरना व सभा करते हुए प्रमुख मांगों से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा। यह ज्ञापन विधायक मनोज तिवारी को सौंपा और उनसे इस समस्या को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने तथा विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने की मांग की। जिस पर विधायक ने सकारात्मक आश्वासन दिया।

तय कार्यक्रमानुसार पेंशनर गांधी पार्क चौघानपाटा में जुटे और उन्होंने धरना दिया। साथ ही सभा की। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा गोल्डन कार्ड के नाम पर पेंशनर्स का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण ने 1 जनवरी 2021 से नवंबर 2021 तक बिना पेंशनर की सहमति के उनकी पेंशन से धनराशि की कटौती कर डाली। जब हाईकोर्ट द्वारा इस कटौती पर रोक लगाई गई, तो प्राधिकरण ने 25 अगस्त 2022 को एक विज्ञप्ति जारी कर विकल्प भरने की बात कह दी। जिसमें मजबूर करने के लिए यह भी स्पष्ट कर दिया कि विकल्प नहीं भरने वाले पेंशनर की स्वास्थ्य योजना में सहमति मान ली जाएगी।

वक्ताओं ने कहा कि पहाड़ के जिलों में काफी संख्या पेंशनर गांवों में रहते हैं और स्मार्ट फोन का इस्तेमाल तक नहीं करते।
दूर गांव में होने के कारण उन्हें समाचार पत्र तक उपलब्ध नहीं हो पाते। इस समस्या को अनदेखा करके उनकी पेंशन से कटौती कर डाली। आक्रोश व्यक्त किया गया कि ठीक दिवाली से पहले उनकी पेंशन की कटौती कर दी गई है। इससे त्यौहार में भी उन्हें आर्थिक संकट झेलना पड़ा है। उन्होंने आज गांधी पार्क अल्मोड़ा में धरना देकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा और विधायक मनोज तिवारी के माध्यम से अपनी बात रखी है। ज्ञापन में मांग की गई है कि 21 महीने की पेंशन कटौती को वापस किया जाए और उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार की भांति नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। यह भी मांग की गई है कि जिन पेंशनरों ने स्वास्थ्य योजना को स्वीकार नहीं किया है, उनको केंद्र सरकार की तरह 1000 रुपये का चिकित्सा भत्ता दिया जाए। यह भी कहा है कि यदि उत्तराखंड सरकार सभी पेंशनरों को स्वास्थ्य योजना के अधीन लेना चाहती है, तो पेंशन में से कटौती सेवारत कर्मचारियों की कटौती की तुलना में आधी की जाए।

धरना व सभा कार्यक्रम की अध्यक्षता पेंशनर्स संगठन के अध्यक्ष गिरीश चंद तिवारी व संचालन हेमचंद्र जोशी ने किया। धरने में चंद्रमणि भट्ट, भैरव उपाध्याय, नवीन लाल साह, जेसी दुर्गापाल, आनंद सिंह बगडवाल, प्रताप सिंह सत्याल, गोकुल सिंह रावत, किशन चंद जोशी, दीवान सिंह नयाल, दिनेश चंद तिवारी, दीपक जोशी, कैलाश चंद्र जोशी, आनन्द बल्लभ लोहनी, सुंदर लाल चौधरी, हरीश चंद्र जोशी, रमेश चंद्र जोशी, बलवंत सिंह मेहता, केपी जोशी, पुष्पा कैड़ा, चंद्रकांत जोशी, राजेंद्र सिंह, ललित मोहन सिंह, आनंद सिंह ऐरी, गिरीश जोशी, आनंद सिंह नेगी, गिरीश चंद तिवारी, ललित त्रिवेदी, गणेश जोशी, नरेश चंद्र तिवारी, एमसी कांडपाल, गौरीदत्त भट्ट, पीसी तिवारी, लक्ष्मण सिंह ऐठानी, पीएस बोरा, आदि पेंशनर उपस्थित थे।

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