सरकार पर भड़के पेंशनर, लंबित मांगों को लेकर भरी हुंकार
सदस्यों से एकजुट होने का किया आह्वान

सीएनई रिपोर्टर, गरुड़। राजकीय पेंशनर परिषद की यहां आयोजित बैठक में लंबित समस्याओं पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने सराकर पर उपेक्षा का आरोप लगाया। कहा कि यदि उम्र के इस पड़ाव में वह एकजुट नहीं होंगे तो सरकार उनकी एक भी समस्या नहीं सुनेगी। संगठन के माध्यम से वह अपने सभी लंबित मांगों को पूरा कराकर ही दम लेंगे। संगठन की मजबूती का संकल्प दोहराया।
बैजनाथ के एक होटल में शनिवार को हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पेंशरों को गोल्डन कार्ड का लाभ नहीं मिल रहा है, जबकि उनकी पेंशन से हर महीने कार्ड के नाम पर राशि काटी जा रही है। उन्होंने सरकार से काटी जाने वाली राशि बंद करने या कार्ड का लाभ देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि कोविड काल से अभी तक कई पेंशनरों की दो महीने की पेंशन आज तक नहीं मिल पाई है। इससे उनके सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। उन्होंने सरकार से रुकी पेंशन जारी करने की मांग की है।
सम्मेलन में देहरादून, अल्मोड़ा, पौड़ी, चमोली, नैनीताल, बागेश्वर से 55 पेंशनर पहुंचे। कर्मचारियों ने पेंशनर्स को सरकार द्वारा प्रदत सुविधाओं को सभी तक पहुंचाने का निर्णय लिया। स्वास्थ्य और पेंशन योजना का लाभ सबको मिल सके इसके लिए कार्यकारणी का गठन किया गया।
सेवानिवृत कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं के साझा किया और संकल्प लिया कि उम्र के अनुसार आने वाली तमाम समस्याओं को एकजुट होकर सुलझाएंगे। इस मौके पर नरोत्तम प्रताप भट्ट, प्रांतीय महामंत्री, माधवानंद बहुगुणा, मंडलीय संगठन मंत्री उमा देवी, प्रांतीय उपाध्यक्ष, शशि ध्यानी, महावीर सिंह पवार, बीएस गोदियाल प्रांतीय अध्यक्ष, बृज किशोर वर्मा, एमसी कंसेरी, रतन सिंह किरमोलीया, बिशन राम आर्या, नीमा वर्मा, मोहिनी बोरा, तारा सिंह, मोहिनी भट्ट आदि मौजूद रहे।