हल्द्वानी में मूल निवास स्वाभिमान महारैली, लोगों ने कहा ‘आज हम नहीं लड़े तो कल बाहरी ताकतें हम पर राज करेंगी’

हल्द्वानी समाचार | मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के बैनर तले हल्द्वानी में मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली गई, इस रैली को उत्तराखंड के…

हल्द्वानी में मूल निवास स्वाभिमान महारैली, लोगों ने कहा 'आज हम नहीं लड़े तो कल बाहरी ताकतें हम पर राज करेंगी'

हल्द्वानी समाचार | मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के बैनर तले हल्द्वानी में मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली गई, इस रैली को उत्तराखंड के 200 संगठनों ने अपना समर्थन दिया। तिकोनिया स्थित बुद्ध पार्क से शुरू हुई मूल निवास स्वाभिमान रैली में युवाओं ने अपनी मांगों को लेकर हुंकार भरी और हजारों युवा जुलूस निकालकर हीरानगर गोल्ज्यू मंदिर तक गए। इस दौरान लोगों ने कहा कि आज हम नहीं लड़े तो कल बाहरी ताकतें हम पर राज करेंगी।

इस दौरान विभिन्न सामाजिक राजनीतिक व क्षेत्रीय संगठनों ने भू-कानून और उत्तराखंड वासियों को मूल निवास 1950 दिए जाने की मांग की। उत्तराखंड भू-कानून और मूल निवास समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि देहरादून के बाद हल्द्वानी में यह मूल निवास और भू कानून को लेकर दूसरी रैली है जिसमें हजारों लोगों ने शिरकत की है। अब पहाड़ी जाग गया है वह अपने अधिकारों को लेकर सड़कों पर उतरने लगा है। इसलिए सरकारों को चाहिए कि वह उत्तराखंड के मूल निवासियों को स्थाई निवास के झुनझुने से मुक्त करे और मूल निवास के आधार पर ग्रुप सी और ग्रुप डी की भर्तियों पर शत प्रतिशत आरक्षण दे, साथ ही हिमाचल की तर्ज पर सख्त भू कानून बनाए। वहीं उत्तराखंड बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष बॉबी पवार ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि लोगों को पहाड़ विरोधी ताकतों को पहचानना होगा और उनके खिलाफ आवाज उठानी होगी।

मूल निवास स्वाभिमान महारैली में कई जिलों के लोग जुटे

हल्द्वानी की रैली में अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं। बता दें, कि प्रदेश में भू-कानून और मूल निवास के मुद्दे पर गरमाई सियासत के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन किया गया था।

संघर्ष समिति की ये भी हैं प्रमुख मांगें

⏩ प्रदेश में ठोस भू कानून लागू हो।
⏩ शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो।
⏩ ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।
⏩ गैर कृषक की ओर से कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे।
⏩ पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे।
⏩ राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।
⏩ प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।
⏩ ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।

भू-कानून रैली को यूकेडी ने दिया समर्थन

हल्द्वानी में आयोजित मूल निवास और भू-कानून रैली को यूकेडी ने भी समर्थन दिया है। इससे पूर्व रविवार को रैली के समर्थन में यूकेडी कार्यकर्ताओं ने नैनीताल रोड स्थित डीडी पंत पार्क से तिकोनिया बुद्ध पार्क तक जुलूस निकाला। जिसमें जिलाध्यक्ष दिनेश चंद्र भट्ट और केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल, महिला प्रकोष्ठ की पूर्व अध्यक्ष विजया ध्यानी, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश जोशी, नगर अध्यक्ष हरीश जोशी, महिला प्रकोष्ठ की नगर अध्यक्ष काजल खत्री, राज्य आंदोलनकारी देवी शर्मा, मोहम्मद फुरकान, सुरेश जोशी, कंचन जोशी, भावना मेहरा आदि शामिल रहे।

 

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