फेक न्यूज और फर्जी पत्रकारों के खिलाफ आंदोलन चलाएगी एनयूजेआई

नई दिल्ली | देशभर के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन नेशनल यूनियन जर्नलिस्ट्स (इंडिया) ने फेक न्यूज और फर्जी पत्रकारों के खिलाफ आंदोलन चलाने तथा…

फेक न्यूज और फर्जी पत्रकारों के खिलाफ आंदोलन चलाएगी एनयूजेआई

नई दिल्ली | देशभर के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन नेशनल यूनियन जर्नलिस्ट्स (इंडिया) ने फेक न्यूज और फर्जी पत्रकारों के खिलाफ आंदोलन चलाने तथा देश में एक समान पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने, मीडिया काउंसिल एवं मीडिया कमीशन के गठन की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का ऐलान किया है।

हाल ही में जयपुर में संपन्न एनयूजेआई के राष्ट्रीय अधिवेशन में ये निर्णय लिये गये। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबद्ध एनयूजेआई के राष्ट्रीय अधिवेशन में 26 राज्यों के 1500 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। उद्घाटन समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केंद्रीय ग्रामीण विकास व इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, महामंडलेश्वर दाती महाराज, जयपुर के निम्स विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ पंकज सिंह आदि ने अपने विचार रखे। अधिवेशन का आयोजन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने किया।

एनयूजेआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रासबिहारी ने समापन समारोह में लघु और मध्यम अखबारों की आर्थिक सहायता, पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने, मीडिया काउंसिल एवं मीडिया कमीशन के गठन की मांग, सभी राज्यों में मीडिया मान्यता समितियों के गठन की मांग को लेकर आंदोलन चलाने का ऐलान किया। अधिवेशन में श्रमजीवी पत्रकार एक्ट की बहाली, मीडियाकर्मियों को रेल यात्रा में रियायत की बहाली, पत्रकारों को पेंशन और स्वास्थ्य बीमा, ग्रामीण इलाकों में पत्रकारों की सुरक्षा और सुविधाएं प्रदान करने की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए।

एनयूजेआई और कन्फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर्स एंड न्यूजएजेंसीज़ इम्पलाइज आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष रास बिहारी ने मीडिया जगत की मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि एनयूजेआई का आंदोलन किसी सरकार के खिलाफ नहीं है, यह आंदोलन पत्रकारिता और पत्रकारों के संरक्षण, सुरक्षा, आजीविका, स्वास्थ्य और उनके परिवारों के यथोचित जीवन यापन के नीति निर्धारण को लेकर होगा।

लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए मीडिया की गिरती साख को बचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा फेक न्यूज और फर्जी पत्रकारों के कारण मीडिया की साख लगातार गिरती जा रही है। अधिवेशन में फेक न्यूज के खिलाफ प्रभावी कानून और फर्जी पत्रकारों पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर बनाने का मांग की गई। अधिवेशन में बिहार में पत्रकार विमल यादव की हत्या को लेकर आक्रोश जताया गया।

अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत की संस्कृति को सनातन बनाए रखने में पत्रकारिता का बड़ा योगदान है। जब कभी भी संस्कृति का ह्रास होने की स्थिति का भान होता है, तब पत्रकारिता जनजागरण की भूमिका निभाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में देश तरक्की के पथ पर बढ़ रहा है और आज का युवा इस गति को लेकर उत्साहित है, इन स्थितियों में पत्रकारिता को भी अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी और निष्ठा से निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग आने के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कई बदलाव आए हैं। आज आवश्यकता है कि पत्रकारों को प्रासंगिक पत्रकारिता से जुड़ना होगा।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जिस तरह देश को जवाबदार विपक्ष की आवश्यकता होती है, उसी तरह समाज को जवाबदार पत्रकार की भी आवश्यकता होती। उन्होंने फेक न्यूज से लेकर विदेश से फंड लेकर देश विरोधी अभियान चलाने वाले पत्रकारों पर भी कटाक्ष किया और कहा कि ईमानदार पत्रकारों को सटीक तथ्य उजागर करने चाहिए। फेक न्यूज के खिलाफ एनयूजेआई के अभियान की प्रशंसा करते हुए मीडियाकर्मियों की मांगों का समर्थन किया।

ग्रामीण विकास एवं इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि लोकतंत्र का मजबूत बनाने में मीडिया की बड़ी भूमिका है। महामंडलेश्वर दाती महाराज ने कहा कि लोकतंत्र में न्यायपालिका विधायका और कार्यपालिका महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन तीनों स्तंभों को को मजबूत करने का काम पत्रकारिता का है। जागरूक पत्रकारिता से ही राष्ट्र मजबूत रहता है, संगठित रहता है और संगठित राष्ट्र ही विकास के पथ पर आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता हमेशा गरीब के भले का माध्यम रही है।

फर्स्ट इंडिया चैनल के प्रधान संपादक तथा पूर्व आईएएस पवन अरोड़ा ने पत्रकार की वास्तविक पीड़ा को बयां करते हुए कहा कि वह अधिकारी रहते हुए भी इस बात को लेकर चिंतित रहते थे कि पत्रकार को मान भले ही मिल जाता है, सम्मान भले ही मिल जाता है, लेकिन उसे न्यूनतम मानदेय नहीं मिल पाता है।

वरिष्ठ पत्रकार जार के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा महानगर टाइम्स के प्रधान संपादक गोपाल शर्मा ने पत्रकारों को एकजुट होने का आह्वान करने के साथ कहा कि पत्रकार को अपनी लेखनी की कीमत और अपनी एकता की शक्ति को पहचानना आवश्यक हो गया है। निम्स हॉस्पिटल और विश्वविद्यालय के निदेशक डॉक्टर पंकज ने कहा कि पत्रकार वह व्यक्ति है जो छोटे से छोटे व्यक्ति के बारे में सोचता है, उसके प्रति संवेदनशीलता रखता है।

समापन समारोह को राजस्थान भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया ने संबोधित किया। पूनियां ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के बाद भी पत्रकार सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं, यह वाकई गहरी चिंता का विषय है।

अधिवेशन में एनयूजेआई के महासचिव प्रदीप तिवारी ने कहा कि जल्दी ही मीडिया जगत की मांगों को लेकर आंदोलन चलाने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य प्रज्ञानंद चौधरी, प्रसन्न मोहंती, पूर्व अध्यक्ष उपल्ला लक्ष्मण, एनयूजे के कोषाध्यक्ष डॉ अरविंद सिंह, उपाध्यक्ष कमलकांत उपमन्यु, भूपेन गोस्वामी, राणेश राणा ने संबोधित किया।

अधिवेशन के संयोजक एवं जार के पूर्व अध्यक्ष राकेश शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पत्रकारों की मांगों को लेकर जोरदार अभियान चलाया जाएगा। वरिष्ठ पत्रकार जगदीश शर्मा ने ग्रामीण पत्रकारों की मांगों से संबधित मांग पत्र रखा।

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