—एक हफ्ते में जवाब नहीं दिया, तो विधिक कार्यवाही
—कुर्क भूमि की नीलामी को 23 मई की तिथि निर्धारित
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
बहुउद्देशीय वित्त एवं विकास निगम की बकायेदार जनजागृति समिति स्नोव्यू स्टेट, कसारदेवी अल्मोड़ा की सचिव मुक्ति दत्ता अब राजकीय कार्य में बाधा डालने व प्रशासन की छवि धूमिल करने के आरोप से घिर गई हैं। मामले में उन्हें नोटिस भेज जवाब देने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया गया है अन्यथा उनके खिलाफ विधिक कार्यवाही होगी। इधर प्रशासन ने उनकी कुर्क भूमि की नीलामी के लिए 23 मई की तिथि निर्धारित कर दी है।
उप जिला मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान ने बताया कि जनजागृति समिति स्नोव्यू स्टेट, कसारदेवी अल्मोड़ा की सचिव मुक्ति दत्ता के विरूद्व बहुउद्देशीय वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड देहरादून द्वारा 96,45,423 रुपये (ninety six lakh forty five thousand four hundred and twenty three) का वसूली प्रमाण पत्र देय धनराशि को भू-राजस्व की भांति वसूल करने के लिए वसूली प्रमाण पत्र कलेक्टर अल्मोड़ा के नाम पर जारी किया गया था। वसूली प्रमाण पत्र प्राप्त होने के उपरांत 12 दिसंबर 2019 को ज.वि. आकार पत्र 68 मांग पत्र दिया गया। इसके बाद मुक्ति दत्ता ने 26 दिसम्बर, 2019 को आवेदन देकर कलेक्टर अल्मोड़ा से राशि जमा करने के लिए 15 दिन का समय मांगा गया था। आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए कलेक्टर ने 26 जनवरी, 2020 तक धनराशि जमा करने का समय प्रदान किया। उप जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि मुक्तिदत्ता द्वारा 15 दिन के अन्दर बकाया धनराशि जानबूझकर जमा नहीं की। इसके फलस्वरूप 10 जून, 2020 को उ.प्र. ज.वि. अधिनियम की धारा 284 की उपधारा (1) धारा 285 के अधीन ज.वि. आकार पत्र 73 एवं 73 घ जारी कर विधिवत इनकी अचल सम्पत्ति कुर्क की गयी।
उन्होंने बताया कि इसके बाद मुक्तिदत्ता द्वारा एक आवेदन पत्र 03 सितम्बर, 2020 को समय प्रदान करने के लिए कलेक्टर को प्रस्तुत किया गया, तदोपरान्त इनके द्वारा उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड नैनीताल में रिट याचिका योजित की गयी। जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा अपने 23 फरवरी, 2021 के अन्तरिम आदेश में निर्देश दिये कि यदि ये पांच सप्ताह अन्दर मुक्तिदत्ता अपनी वर्णित सम्पत्ति का विक्रय नहीं करेंगी, तो कलेक्टृर नीलामी की कार्यवाही को स्वतंत्र होंगे। उप जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि मुक्तिदत्ता द्वारा उच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लघंन करते हुए अपनी सम्पत्ति का विक्रय नहीं किया गया तथा धनराशि भी जमा नहीं की, जबकि इनके द्वारा भूमि विक्रय करने की सहमति क्रेतागणों को प्रदान की। जिसके आधार पर क्रेतागणों द्वारा जिलाधिकारी अल्मोड़ा से भूमि क्रय करने हेतु अनुमति प्राप्त की। इनके द्वारा धनराशि जमा नहीं करने के फलस्वरूप कुर्क भूमि की नीलामी के लिए 05 अक्टूबर, 2021 की तिथि नियत की गयी। इनके द्वारा पुनः 28 सितम्बर, 2021 को कलेक्टर अल्मोड़ा को एक प्रार्थना पत्र इस आशय का दिया गया कि कोविड लाकडाउन के चलते जमीन की विक्रय प्रक्रिया में विलम्ब हुआ है। जिसके लिये 25 अक्टूबर, 2021 तक का समय प्रदान कर दिया जाय इनके प्रार्थना पत्र पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए मानवीय आधार पर पुनः 15 अक्टूबर, 2021 तक का समय बकाया धनराशि जमा करने के लिए प्रदान किया गया। इसके बावजूद भी धनराशि जमा नहीं की गयी। मुक्तिदत्ता द्वारा अनुरोध किए जाने पर कलेक्टर ने मानवीय आधार पर पर्याप्त समय प्रदान किया गया, किन्तु इसके बावजूद इनके द्वारा जानबूझ कर धनराशि जमा नहीं करायी गयी।
उप जिला मजिस्ट्रेट ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया है कि मुक्तिदत्ता ने उच्च न्यायालय में पुनः विशेष अपील योजित की गयी। इस अपील को न्यायालय ने खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 10,000 (दस हजार) रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। उन्होंने बताया कि इनके 03 मई, 2022 को अल्मोड़ा में शासन—प्रशासन पर मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न के मिथ्या आरोप लगाकर प्रशासन की छवि को धूमिल किया गया है। उप जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि मामले में नोटिस भेजा गया है। जिसमें मुक्तिदत्ता को एक सप्ताह के अन्दर मय साक्ष्य नोटिस का उत्तर देने का समय दिया गया है और अन्यथा की स्थिति में इनके विरूद्व राजकीय कार्य में बाधा डालने तथा जान बूझकर प्रशासन की छवि खराब करने सम्बन्धी आरोपों के लिये विधिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
23 मई को नीलामी
अल्मोड़ा। प्रशासन ने मुक्तिदत्ता की कुर्क अचल संपत्ति/भूमि की नीलामी के लिए 23 मई, 2022 की तिथि निर्धारित कर दी है। यह जानकारी उप जिलाधिकारी सदर गोपाल सिंह चौहान ने बताया कि उनकी भूमि की नीलामी 23 मई, 2022 को कार्यालय तहसीलदार अल्मोड़ा में पूर्वाह्न/अपराह्न की जायेगी। जिसके लिए विक्रय अधिकारी नायब तहसीलदार अल्मोड़ा को नामित किया गया है।