अल्मोड़ा न्यूजः कुमाऊंनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के विकास को आठ प्रस्ताव पारित, राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन सम्पन्न, नई कार्यकारिणी बनी, तीन रचनाकार सम्मानित

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाजीबी पंत राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा में आयोजित तीन दिवसीय 12वें राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन में रविवार को तीसरे व अंतिम रोज ’’कुमाऊंनी भाषा,…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
जीबी पंत राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा में आयोजित तीन दिवसीय 12वें राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन में रविवार को तीसरे व अंतिम रोज ’’कुमाऊंनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति कसारदेवी (अल्मोड़ा)’’ की नवीन कार्यकारिणी का गठन कर लिया गया। इसके अलावा कुमाऊंनी भाषा, साहित्य व संस्कृति के विकास से संबंधित पारित आठ प्रस्तावों को शासन को भेजा गया और उत्कृष्ट कार्य करने वाले साहित्यकारों का सम्मान किया गया।
इससे पहले एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्वलित कर तीसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद कंचन तिवारी ने कुमाऊंनी सरस्वती वंदना ’वीणावादिनी दी दीए ज्ञान’ प्रस्तुत की। कुमाऊंनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति कसारदेवी के बैनर तले चल रहे सम्मेलन में अपने संबोधन में मुख्य अतिथि प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने नये पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि वे कुमाऊंनी भाषा साहित्य के विकास के लिए लगातार प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा विश्वविद्यालय में कुमाऊंनी भाषा विभाग खोलने के लिए वह प्रयासरत रहेंगे। संस्था के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण सिंह कर्मयाल ने डा. हयात सिंह रावत व पहरू के योगदान पर शोध करने की जरूरत बताई। नव निर्वाचित अध्यक्ष देव सिंह पिलख्वाल ने कहा कि कुमाऊंनी साहित्यकारों को विविध विषयों पर लेखन की जरूरत बताई, ताकि पर्याप्त साहित्य एकत्रित हो सके। तीसरे दिन संस्था की नई कार्यकारिणी गठित कर ली गई और कुमाऊंनी भाषा, साहित्य व संस्कृति के विकास संबंधी आठ सूत्रीय प्रस्ताव पारित किए गए, जिन्हें बाद में शासन को प्रेषित किया गया। अंत में संचालन करते हुए डा. हयात सिंह रावत ने सभी का आभार जताया।
सम्मेलन में उदय किरौला, केसी जोशी, देवकीनंदन कांडपाल, आनंद बल्लभ जोशी, जगत सिंह मेहरा, किशन सिंह मलड़ा, रमेश प्रकाश पर्वतीय, राजेंद्र रावत, महेंद्र ठकुराठी, जगदीश जोशी, नंदाबल्लभ फुलारा, भुवन चंद्र जोशी, दयानंद कठैत, कैलाश चंद्र बिनवाल, माया रावत, सुरेंद्र सिंह, डा. कपिलेश भोज, डीके फोनिया, राकेश चंद्र, विनीता जोशी, डा. ललित जलाल आदि कई भाषा प्रेमी शामिल हुए।
ये रचनाकार हुए सम्मानितः सम्मेलन के तीसरे दिन डा. प्रीति आर्या को भारतेंदु निर्मल जोशी कुमाऊंनी समालोचना पुरस्कार, डा. पवनेश ठकुराठी को पुष्पलता जोशी स्मृति कुमाऊंनी कहानी पुरस्कार तथा डा. दीपा कांडपाल को जमुनादेवी खनी स्मृति कुमाऊंनी बाल कहानी पुरस्कार प्रदान किया गया।
पिलख्वाल अध्यक्ष और डा. रावत सचिवः कुमाऊंनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति की नई कार्यकारिणी के लिए सर्वसम्मति से भूतपूर्व प्रधानाचार्य एवं समाजसेवी देव सिंह पिलख्वाल को अध्यक्ष चुन लिया गया जबकि तय हुआ कि पहरू के संपादक डा. हयात सिंह रावत सचिव पद पर पूर्ववत बने रहेंगे। इनके अलावा एडवोकेट जमन सिंह बिष्ट उपाध्यक्ष, ललित तुलेरा उपसचिव और सामाजिक कार्यकर्ता महिपाल सिंह बिष्ट कोषाध्यक्ष चुने गए।

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