नैनीताल : शत्रु संपत्ति पर बने 134 मकानों पर गरजीं JCB, मौके पर अफसर

Nainital News | नैनीताल शहर के मल्लीताल में शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल में चिन्हित 134 अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की बड़ी कार्रवाई शनिवार सुबह से ही…

नैनीताल : शत्रु संपत्ति पर बने 134 मकानों पर गरजीं JCB, मौके पर अफसर

Nainital News | नैनीताल शहर के मल्लीताल में शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल में चिन्हित 134 अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की बड़ी कार्रवाई शनिवार सुबह से ही शुरू कर दी गई है। प्रशासनिक व पुलिस अफसरों की मौजूदगी में एक साथ दस बुलडोजर से अवैध निर्माण गिराया जा रहा हैं। अब तक 25 से अधिक मकानों को जमींदोज किया जा चुका है। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पूरे शहर में हलचल है।

शुक्रवार को हाईकोर्ट से अतिक्रमणकारियों की याचिका खारिज होने के बाद प्रशासन व पुलिस ने चिन्हित घरों को खाली कराने का अभियान छेड़ दिया था। अतिक्रमण की जद में आये लोगों ने खुद ही घर खाली किये और सामान समेटकर अन्यत्र चले गए। रातभर अतिक्रमण की जद में आये लोगों ने अपने घरों की छतों को उखाड़ा। बारिश के बाद लोग चले गए। सुबह मौसम खुलने के बाद प्रशासन ने बुलडोजर मौके पर उतार कर ध्वस्तीकरण अभियान शुरू कर दिया। जो लगातार जारी है।

मेट्रोपोल में अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसके व्यापक इंतजाम किए गए हैं। प्रभावित परिवारों के अन्यत्र चले जाने से प्रशासन व पुलिस की राह आसान हो गई। खुफिया एजेंसियां पल-पल हालात पर नजर रखे हैं।

अफसरों की फौज डटी है मोर्चे पर

अभियान के दौरान पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की फौज मोर्चे पर डटी है। एडीएम शिवचरण द्विवेदी, एसडीएम राहुल शाह, गौरव चटवाल, परितोष वर्मा, प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय, एसपी सिटी डॉ जगदीश चंद्र, सीओ विभा दीक्षित, हल्द्वानी सीओ भूपेंद्र धौनी, पालिका इओ आलोक उनियाल सहित अन्य अफसर शामिल हैं। एसएसपी पंकज भट्ट ने रात व सुबह गोपनीय तरीके से मेट्रोपोल की कार्रवाई का निरीक्षण किया। जबकि जिलाधिकारी वंदना लगातार अफसरों के सम्पर्क में हैं।

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हाईकोर्ट से राहत नहीं

हाईकोर्ट ने नैनीताल में राजा महमूदाबाद की शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल के कब्जेदारों को एसडीएम कोर्ट से जारी नोटिस पर रोक लगाने व आवास के वैकल्पिक इंतजाम करने को लेकर दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सभी अतिक्रमणकारियों से कोर्ट में यह लिखित रूप से देने के लिए कहा कि दस दिन के भीतर कब्जा खाली कर देंगे, तभी उन्हें दस दिन का समय दिया जाएगा। ऐसा नहीं करने पर ध्वस्तीकरण का आदेश यथावत रहेगा। लेकिन लंच के बाद अतिक्रमणकारियों ने लिखित रूप से देने से इन्कार कर दिया, जिसके बाद कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।

सुनवाई के दौरान अतिक्रमणकारी महमूद अली, ताहिर समेत अन्य आठ की ओर से कहा गया कि वह सालों से मेट्रोपोल पर काबिज हैं। वहीं, सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थाई अधिवक्ता सीएस रावत ने कोर्ट को बताया कि पांच अगस्त 2010 को सरकार ने शत्रु संपत्ति पर कब्जा ले लिया था, जिसमें 116 कब्जाधारी भी शामिल थे। अब यह किस आधार पर वहां अपना कब्जा बता रहे हैं।

अब इनकी संख्या बढ़कर 134 हो गई है। यह अवैध अतिक्रमणकारी हैं। इन्हें हटाने का आदेश पारित किया जाए। महाधिवक्ता के अनुसार कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने माना कि उनका कब्जा अवैध है।

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