Breaking: पालिकाध्यक्ष ने उठाए अल्मोड़ा नगर से जुड़े 04 प्रमुख मुद्दे

➡️पालिका सभागार में मीडिया से मुखातिब होकर रखे मामले➡️ (जानिये आखिर क्या हैं ये चार प्रमुख मामले)सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ानगर पालिका अल्मोड़ा के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र…

➡️पालिका सभागार में मीडिया से मुखातिब होकर रखे मामले
➡️ (जानिये आखिर क्या हैं ये चार प्रमुख मामले)
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
नगर पालिका अल्मोड़ा के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने पूरे कलेक्ट्रेट परिसर के दूर नये भवन में शिफ्ट हो जाने के बाद जनता को झेलनी पड़ रही मुश्किलों पर चिंता जताई है। उन्होंने आम जनता की इन परेशानियों का प्राथमिकता से समाधान करने की पुरजोर मांग उठाई है। इसके अलावा उन्होंने मल्ला महल के संरक्षण कार्य में हुई अनियमितता की जांच की मांग दोहराई है। श्री जोशी ने आज पालिका सभागार में प्रेसवार्ता आहूत कर नगर से जुड़े चार प्रमुख मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने नगर को सीवर योजना से आच्छादित करने की मांग उठाई, वहीं मानचित्र पास कराने का पालिका अधिकार वापस मांगा।

पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि पूर्व में कलेक्ट्रेट को मल्ला महल से हटाने की शासन की मनमानी का विरोध किया गया, लेकिन तत्कालीन अधिकारियों ने इस पर कोई विचार नहीं किया। फलस्वरूप अब मल्ला महल (पुराने कलक्ट्रेट परिसर) ​स्थित जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, कोषागार व तहसील के कार्यालय पांडेखोला स्थित नवीन कलेक्ट्रेट भवन में स्थानांतरित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इससे अब जनता को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। आज जनता को नवीन कलक्ट्रेट आने—जाने के लिए धन व समय का नुकसान खाना पड़ रहा है। पालिकाध्यक्ष ने पुरजोर मांग उठाई कि अब जनता को हो रही परेशानियों का समाधान सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाए। इसके लिए अल्मोड़ा नगर से नवीन कलक्ट्रेट भवन तक जाने—आने के लिए पुख्ता यातायात व्यवस्था बनाई जाए तथा अल्मोड़ा-बागेश्वर मोटरमार्ग से नवीन कलक्ट्रेट को जाने वाले मार्ग का डामरीकरण तथा चौड़ीकरण कराया जाये। यातायात को सुगम बनाने के लिए अधिकाधिक वाहनों को नवीन कलक्ट्रेट तक जाने की व्यवस्था की जाए, ताकि आम जनता को सुविधा हो सके। इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा नगर से नवीन कलक्ट्रेट भवन तक जाने के लिए रोपवे (रज्जुमार्ग) स्थापित करने पर विचार किया जाये।

पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि मल्ला महल के संरक्षण कार्य में पूर्व में अनियमितताएं हुई हैं, जिनके सम्बन्ध में नवम्बर 2020 से लगातार सांस्कृतिक ऐतिहासिक धरोहर बचाओ संघर्ष समिति अल्मोड़ा के बैनर तले संघर्ष हुआ और इस संबंध में शासन—प्रशासन व केंद्र सरकार से लगातार पत्र व्यवहार किया जाता रहा है। फलस्वरूप प्रधानमंत्री कार्यालय से मुख्य सचिव उत्तराखण्ड सरकार को 24 नवंबर 2020 को निर्देश दिये गये थे कि इस सम्बन्ध में उपयुक्त कदम उठाये जायें। जिसके क्रम में मुख्य सचिव ने सचिव संस्कृति विभाग उत्तराखण्ड को निर्देशित किया गया था कि मामले पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए, किंतु इसके बाद भी मल्ला महल के संरक्षण कार्य में अनियमितताएं जारी रही और अवैज्ञानिक रूप से बिना विशेषज्ञ के कार्य चलत रहा। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग की ओर से मसले पर क्या कार्यवाही हुई, आज तक समिति को नहीं बताया गया।

पालिकाध्यक्ष श्री जोशी ने कहा कि जिलाधिकारी वंदना सिंह के आने के बाद आज मल्ला महल की व्यवस्थाओं में परिवर्तन देखने को मिला है, लेकिन इस ऐतिहासिक विरासत के कार्य के लिए न तो निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को विश्वास में लिया गया और न ही आम जनता को इसकी कोई जानकारी है। उन्होंने मांग की कि मल्ला महल को भव्य रूप देने की रूपरेखा व योजना को सार्वजनिक किया जाए। श्री जोशी ने कहा कि मल्ला महल का संरक्षण बेशक खुशी की बात है। पिछले दिनों आयुक्त कुमॉऊं मण्डल ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये कि संरक्षण कार्य विषय विशेषज्ञ के निर्देशन में हो। उन्होंने कहा कि यही मांग समिति उठा रही थी। उन्होंने मांग की कि मल्ला महल के संरक्षण कार्य में अब तक हुई अनियमितताओं की पुरातत्वविदों से जांच कराई जाए।
सीवर योजना का मुद्दा

पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने पुरजोर मांग उठाई पर्यटन नगरी अल्मोड़ा को विकसित व सुव्यवस्थित करने के लिए पूरे नगर व आसपास के क्षेत्रों को सीवर योजना से आच्छादित किया जाए। उन्होंने कहा कि सालों गुजर गए और नगर का एक चौथाई हिस्सा सीवर लाइन से जुड़ा है, उसमें भी कई समस्याएं हैं। तीन चौथाई हिस्से को सीवर लाइन का इंतजार है। उन्होंने कहा कि नगर की भौगोलिक संरचना के आधार पर एसटीपी (सीवर ट्रीटमेन्ट प्रोजेक्ट) अलग-अलग स्थानों पर लगाया जाये।
अधिकार वापस दें

पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने बताया कि पालिका अधिनियम 1916 के तहत नगर क्षेत्र में भवन मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार नगर पालिका के पास था, जिसे छीन लिया गया है। नगर क्षेत्र के भवन मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार फिर से नगर पालिका को वापस दिया जाये, ताकि नगर में अवैधानिक भवन निर्माण तथा अतिक्रमण को रोका जा सके व पालिका की आय में वृद्धि हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि पालिका द्वारा स्वीकृत भवन मानचित्र की पत्रावलियां पालिका व पालिका के नागरिकों की सम्पत्ति है तथा जिसे जबरन अपहरण किया गया है। उन्होंने इस संपत्ति को अविलंब पालिका को वापस करने की मांग की, क्योंकि ये संपत्ति जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण के गठन से पूर्व की हैं। उन्होंने बताया कि भवन स्वामियों को अपने भवन मानचित्रों की नकल की आवश्यकता पड़ रही है। इसके अलावा इससे पालिका की आय भी प्रभावित हो रही है। प्रेसवार्ता में श्री जोशी के साथ सभासद हेम चंद्र तिवारी भी मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *