सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आंदोलन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। अनशन पर बैठे आशीष और आकाश ने कहा कि पांच सूत्रीय मांगों का निराकरण होने के बाद ही वह अनशन समाप्त करेंगे। छात्रों ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितयों वाला जिला है। शिक्षा के क्षेत्र में उसकी उपेक्षा सही नहीं जाएगी।
छात्रसंघ अध्यक्ष सौरभ जोशी ने कहा कि उनकी मांगों को लेकर शासन-प्रशासन कतई गंभीर नहीं है। जिसके कारण उन्हें अनशन पर बैठना पड़ा है। सभा में छात्रों ने कहा कि स्नातक प्रथम सेमेस्टर में अधिकांश छात्र-छात्राएं प्रवेश से वंचित रहे हैं। उनका भविष्य दाव पर है और सभी संकायों में सीट बढ़ाई जाएं। महाविद्यालय को पूर्व में कैंपस का दर्जा मिल चुका है। बावजूद अभी तक कैंपस के रूप में महाविद्यालय संचालित नहीं हो सका है।
चार वर्षों से महाविद्यालय भवनों में पीएसी रह रही है। इसके अलावा भवनों का उपयोग कोविड केयर सेंटर के रूप में भी मिया जा रहा है। पीएसी और कोविड केयर सेंटर को तत्काल स्थानांतरित किया जाए। परिसर में निदेशक की नियुक्त की जाए। महाविद्यालय में बहुउद्देश्यीय भवन और खेल मैदानका जीर्णोंद्धार किया जाए। इस मौके पर हिमांशु जोशी, राकेश दानू, रिया, शिवांगी लोहिया, ज्योति खेतवाल, पूजा, दिव्या, दीपा, गुंजन, ललिता, मनोज, धीरज, भूपेंद्र, लक्ष्मण, योगेश, राहुल, हर्षित, विक्रम सिंह, पंकज, मनीष गोस्वामी, पंकज, हेमलता, तनुजा, मनीष पाठक आदि मौजूद थे।