कोरोना अब तक : पढ़ें रोचक तथ्य/ पहाड़ी जिलों से गए ज्यादा सैंपल और पाजिटिव केस कम, मैदानी जिलों में पहाड़ से दस गुना मौतें

हल्द्वानी। प्रदेश में कोरोना से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य हम आपके सामने रखने जा रहे हैं। जिन्हें पढ़कर आप के मुंह से बेसाख्ता निकल पड़ेगा…

नैनीताल : वकील के कोरोना पॉजिटिव आने पर हड़कंप, कोर्ट में सुनवाई टली

हल्द्वानी। प्रदेश में कोरोना से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य हम आपके सामने रखने जा रहे हैं। जिन्हें पढ़कर आप के मुंह से बेसाख्ता निकल पड़ेगा ओएमजी! हम आपको जो आंकड़े बताने जा रहे हैं वे कल शाम को जारी हुए स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन पर आधारित हैं।
उत्तराखंड के 13 में से चार जिले देहरादून, हरिद्वार उधम सिंह नगर और नैनीताल भाबर और तराई से ताल्लुक रखते हैं। यहां पहाड़ी जिलों की अपेक्षा आबादी का धनत्व भी कहीं अधिक है। ऐसे में महामारी फैलने की संभावना यहां इन चारों जिलों में भी ज्यादा ही थी ऐसा हुआ भी लेकिन क्या आप जानते हैं कि सैंपल भेजे जाने के मामले में पहाड़ी जिले इन चारो मैदानी जिलों से आगे रहे। भले ही बीमारी पाए जाने का अनुपात पहाड़ी जिलों में इन चारों जिलों की अपेक्षा कम रहा। पहले बात करते हैं इसी तथ्य पर। पहाड़ के नौ जिलों में चमोली, रुद्रप्रयाग,टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चंपावत शामिल हैं।


अब बात करते हैं इन जिलों से कल तक भेजे गए कोरोना सैंपलों की तो बागेश्वर से 21262, अल्मोड़ा से 46265, चमोली से 33054, चंपावत से 36242, पौड़ी से 38936,पिथौरागढ़ से 33439, रुद्रप्रयाग से 22550, टिहरी से 50766 और उत्तरकाशी से 49443 सैंपल जांच को भेजे गए। जबकि मैदानी जिलों में आने वाले देहरादून से 112543,हरिद्वार से 122330, नैनीताल से 59673 और उधमसिंह नगर से 17048 सैंपल जांच को भेजे गए। पूरे प्रदेश से कुल 743551 सैंपलों को जांच के लिए भेजा गया।
इस प्रकार पहाड़ी जिलों से कुल 4,43330 सैंपल जांच को भेजे गए जबकि मैदानी इलाकों से 3,00221 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। यानी मैदानी जिलों की तुलना में पहाड़ी जिलों से स्वास्थ्य विभाग ने 1,43109 सैंपल ज्यादा भेजे।
यह बात तो रही सैंपलों की अब जरा बात कर लें पाजिटिव केसों की तो इस मामले में कम सैंपलों के बावजूद मैदानी जिले पहाड़ी जिलों पर खासे भारी पड़ गए।


पूरे प्रदेश में रविवार यानी 4 अक्टूबर की शाम तक 51481 केस पाजिटिव मिल चुके के। बागेश्वर में 680, अल्मोड़ा में 1543, चमोली में 1139, चंपावत में 878, पौड़ी में 2098,पिथौरागढ़ में 1115, रुद्रप्रयाग में 758, टिहरी में 2634 और उत्तरकाशी में 2167 सैंपल जांच को भेजे गए। जबकि मैदानी जिलों में आने वाले देहरादून में 13946,हरिद्वार में 9800, नैनीताल में 6120 और उधमसिंह नगर से 8603 केस पाजिटिव मिले। इस प्रकार पहाड़ी जिलों में 13012 केस पाजिटिव मिले जबकि मैदानी जिलों में 38469 केस पाजिटिव मिले यहां मैदानी जिलों में पहाड़ी जिलों से 25457 केस ज्यादा मिले।
उधर महामारी से हुई मौतों के मामलों में भी मैदानी जिलों की भयावह तस्वीर उभर कर सामने आती है। प्रदेश में अब तक कुल 652 मौतें हो चुकी हैं। इनमें से अल्मोड़ा में 8 बागेश्वर, चंपावत और टिहरी में 4—4, पौड़ी में 20, पिथौरागढ़ में 5, टिहरी में चार, उत्तरकाशी में नौ और रुद्रप्रयाग में सबसे कम दो मौते हुई हैं। चमोली में एक भी कोरोना संक्रमित की मौत नहीं हुई है। लेकिन मैदानी जिलों में देहरादून में सबसे ज्यादा 313, नैनीताल में 117, हरिद्वार में 100 और उधमसिंह नगर में 66 मौतें हुई है। शयानी पहाड़ी जिलों में कुल 56 मौतें ही हुई हैं। जबकि मैदानी जिलों 596 यानी लगभग दस गुना मौतें हुई हैं।

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