हल्द्वानी न्यूज : रेलवे की ढींगामुश्ती पर अल्प संख्यक आयोग हुआ सख्त, अधिकारियों को किया तलब

हल्द्वानी। उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग देहरादून हल्द्वानी की गफूर बस्ती से लेकर गौजाजाली तक की रेलवे भूमि मामले में सख्त हो गया है। शिकायतकर्ता द्वारा आयोग…

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हल्द्वानी। उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग देहरादून हल्द्वानी की गफूर बस्ती से लेकर गौजाजाली तक की रेलवे भूमि मामले में सख्त हो गया है। शिकायतकर्ता द्वारा आयोग को बताया गया कि उक्त भूमि प्रकरण में अपर जिला अधिकारी (प्र), महाप्रबंधक पूर्वाेत्तर रेलवे इज्जत नगर बरेली एवं सहायक नगर आयुक्त नगर निगम हल्द्वानी काठगोदाम की जांच से वह असंतुष्ट है मामले का संज्ञान लेते हुए आयोग ने 6 जनवरी 2021 को उक्त अधिकारियों को कलेक्ट्रेक्ट सभागार रूद्रपुर जनपद उधमसिंह नगर में तलब किया है।
हल्द्वानी शहर के आरटीआई कार्यकर्ता सैफ अली सिद्दीकी ने हल्द्वानी रेलवे स्टेशन गफूर बस्ती की सीमा से हिमालय सीनीयर सेकेंडरी स्कूल गौजाजाली हल्द्वानी तक की विवादित भूमि प्रकरण की जांच कराने के लिए 13 जून 2020 को उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग देहरादून को पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में लिखा कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन गफूर बस्ती की सीमा से गौजजाली तक की भूमि पर वर्तमान में लगभग 40,000 हजार लोग अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के रहते है परंतु रेलवे विभाग द्वारा उक्त क्षेत्र की भूमि पर अपना दावा किया जाता रहा है।
उन्होंने पत्र में लिखा था कि वर्ष 2007 मे भी रेलवे विभाग द्वारा उक्त क्षेत्र के लगभग 1500-2000 परिवारों को उजाड़ दिया गया था इसके उपरांत 2017 में भी रेलवे विभाग द्वारा उक्त बस्ती के लोगों को पीपीई एक्ट के अंतर्गत नोटिस जारी किये थे, जिससे की उक्त बस्ती के लोग मानसिक रूप से परेशान है। उन्होंने पत्र में लिखा था कि उनके द्वारा रेलवे विभाग से उक्त क्षेत्र की भूमि का गजट नोटिफिकेशन सूचना का अधिेकार अधिनियम-2005 के अंतर्गत मांगा गया तो रेलवे द्वारा उनको भूमि गजट नोटिफिकेशन आज तक उपलब्ध नहीं कराया गया।
उन्होंने पत्र में आगे कहा कि वर्ष 2017 में तत्कालीन जिलाधिकारी नैनीताल दीपक रावत द्वारा भी रेलवे विभाग से भूमि गजट नोटिफिकेशन लाने की मांग की गई थी लेकिन उन्हें भी रेलवे विभाग द्वारा भूमि का गजट नोटिफिकेशन उपलब्ध नही कराया गया था सैफ ने बताया कि उनके द्वारा सूचना का अधिेेकार अधिनियम-2005 के अंतर्गत रेलवे विभाग एवं जिला प्रशासन नैनीताल से उक्त भूमि का स्थलीय निरीक्षण कराने हेतु सूचना मांगी गई थी लेकिन उनको आज तक भूमि का निरीक्षण नही कराया गया है उन्होंने कहा कि आये दिन रेलवे विभाग उक्त क्षेत्र की बस्ती को तोडने हेतु परेशान करता है। उन्होंने कहा कि रेलवे विभाग द्वारा अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
सिद्दीकी ने बताया कि उक्त भूमि प्रकरण पर उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग देहरादून द्वारा 24 जून 2020 को संज्ञान लेकर एसडीएम हल्द्वानी को उक्त भूमि प्रकरण की जांच करने के आदेश दिए गए, जांच में हीला हवाली करने पर मामले में उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग देहरादून के सचिव जेएस रावत ने 6 जनवरी 2020 को उक्त भूमि प्रकरण में अपर जिला अधिकारी (प्र), महाप्रबंधक पूर्वाेत्तर रेलवे इज्जत नगर बरेली एवं सहायक नगर आयुक्त नगर निगम हल्द्वानी काठगोदाम को तलब किया है।

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