सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
रैबीज वैक्सीन के जनक लुई पॉश्चर के जयंती पर मुख्य चिकित्सा कार्यालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट में गोष्ठी आयोजित की गई। वक्ताओं ने कहा कि लुई पॉश्चर ने छह जुलाई 1885 में जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाली वायरस जनित बीमारियों के लिए दुनिया का पहला रैबीज यानी टीका विसकित किया था। टीका विकसित करने में उनके योगदान के लिए उन्हें फादर ऑफ माइक्रोबॉयोलॉजी भी कहा जाता है।
सीएमओ कार्यालय में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुनीता टम्टा ने कहा कि फ्रांसीसी माइक्रो बॉयोलॉजिस्ट डा. लुई पॉश्चर ने आधुनिक विज्ञान के लिए रोगाणु सिद्धांत के साथ ही खाद्य उत्पादों को खराब होने से रोकने के लिए नवीन तरीके विकसित किए। इस अवसर पर डॉ. एनएस टोलिया, डॉ. प्रमोद कुमार जंगपागती आदि मौजूद थे।
उधर सीएचसी कपकोट में डॉ. ब्रजेश रावत की अध्यक्षता में रैबीज गोष्टी आयोजित की गई। जिसमें उन्होंने कहा कि जूनोटिक रोग वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी और कवक जैसे हानिकारक कीटाणुओं के कारण होते हैं। यह कीटाणु मनुष्यों और जानवरों में कई हल्की और बीमारियों का कारण बन सकते हैं।इनमें गंभीर संक्रमण से मौत भी हो सकती है। इसके साथ ही रैबीज विषय पर जन जागरूकता के लिए वाहन को भी रवाना किया गया। संचालन लेखा प्रबंधक नीरज उपाध्याय ने किया। इस दोरान प्रबंधक मनोज कोरंगा, राजेंद्र कपकोटी, सुनील टम्टा, गोविंदी देवी, नीतू चौहान, रवि कुमार आदि मौजूद थे।