अल्मोड़ा: जानिये बोगेनबेलिया बेल की कहानी, करीब 300 साल से बिखेर रही थी अनुपम छटा, लोगों की भीड़ बनी अथाह मोह की गवाह

चन्दन नेगी, अल्मोड़ासांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा को प्रकृति ने कई नेमतें बख्शी हैं, इन्हीं में से नगर मध्य देवदार वृक्ष पर लिपटी बोगेनबेलिया की बेल भी…

चन्दन नेगी, अल्मोड़ा
सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा को प्रकृति ने कई नेमतें बख्शी हैं, इन्हीं में से नगर मध्य देवदार वृक्ष पर लिपटी बोगेनबेलिया की बेल भी एक है। यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक देवदार और बोगेनबेलिया के इस अद्भुत संगम का दर्शन करना नहीं भूलते थे। यह दुःखद ही है कि करीब 300 साल से सुनहरे पुष्पों से लदकर आकर्षण का केंद्र बन छटा बिखरने वाली सबकी प्रिय बेल बुधवार सुबह धराशायी हो गई। इस बेल से लोगों को कितना मोह था, इस बात की गवाह इसके टूटने की भनक लगते ही देखने पहुंची भीड़ रही। स्वयं जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया तक वहां पहुंचे।
बुधवार को अपने जीवन संगी स्वरूप विशाल देवदार वृक्ष के साथ ही यह बेल पूरी तरह टूट कर धराशायी हो गई। जिला मुख्यालय में दशकों से आसमान छूती बोगेनबेलिया की लता (वुडी क्लांबर) प्रजाति का यह 50 फिट से अधिक ऊंचा पुष्प पेड़ पर्यटकों का खासा आकर्षण है। मजेदार बात यह है कि ठीक पर्यटन सीजन में ही अपनी छटा बिखेरता है। नगर के मध्य पंडित गोविंद बल्लभ पंत पार्क में स्थित देवदार के विशाल पेड़ पर लिपटी बोगेनबेलिया की यह लता अपने आप में अनूठी है। जो हर बार हजारों फूलों से लदकर यह पर्यटक ही नहीं आम लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती रही। यहां उल्लेखनीय है कि बोगेनवेलिया मूल रूप से दक्षिणी अमेरिका, ब्राजील व पेरू देशों का निवासी है। इस बेल को सबसे पहले ब्राजील में ढूंढा गया था। लैटिन में इसका नाम बोगेनबेलिया स्पेक्टाबिल्स है। मलेशिया व ताइवान का यह राजकीय पुष्प है। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, आस्ट्रेलिया आदि देशों में इसको सजावटी लता के रूप में लगाया जाता है। सांस्कृतिक नगरी के प्रधान डाकघर के समीप पंडित गोविन्द बल्लभ पंत पार्क पर पौधे को किसने रोपा, यह बात स्पष्ट नहीं है। बताते हैं कि अंग्रेजों के शासन से पूर्व से यह बेल रही है। यह पेड़ लगभग 300 वर्ष पुराना था। जिससे लिपटी वोगनबेलिया की बेल अल्मोड़ा नगर की शान थी। इसे देखने पर्यटक दूर-दूर से आते थे और यह स्थान युवाओं का सैल्फी लेने का एक मुख्य केन्द्र बन गया था।
इसके टूट जाने से बुधवार सुबह इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई। दिनभर इसे देखने के लिए लोगों का आना-जाना लगा रहा। सभी को इस बेल के टूटकर गिर जाने का मलाल था। इसे देखने वालों की भीड़ इसके प्रति अथाह मोह को इंगित कर रही थी। लोग दिनभर इसकी सूचना मोबाइल से एक-दूसरे को देते रहे। कई लोगों ने मोबाइल स्टेटस में यही बेल लगा डाली। सड़क के विशाल देवदार के पेड़ व भारी भरकम मात्रा वाली फूलों व पत्तियों से लदी बेल को काट-काट कर हटाने के लिए दो-दो जेसीबी मशीनें लगी रहीं। लगभग पूरे दिन इसके मलबे के कारण माल रोड जाम रही।
डीएम ने मौका मुआयना किया:- जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने स्वंय पंत पार्क जाकर गिरे देवदार के पेड़ व बोगेनबेलिया की बेल तथा स्थिति का मौका मुआयना किया। उन्हांेने कहा कि वोगेनबेलिया के टूटने अल्मोड़ा शहर की खूबसूरती को क्षति हुई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जी.बी. पन्त पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा और पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा की मदद से वोगेनबेलिया की बेल को जीवित रखने का प्रयास किया जाएगा, ताकि यह बेल अल्मोड़ा की शान बनकर फिर उभरेगा।
पालिकाध्यक्ष भी हुए काफी मायूस:- नगर पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी भी नगर के आकर्षण का केंद्र बोगेनबेलिया के धराशायी होने से काफी मायूस दिखे। उन्होंने प्राचीन बेल को टूट कर बिखर जाने को शहर के लिए दुखदायी बताया। कहा कि यह शहर की क्षति है।

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