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बहुचर्चित चारा घोटाला में लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा, 60 लाख जुर्माना

रांची। अविभाजित बिहार के अरबों रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले आरसी 47ए/96 में सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये सीबीआई की विशेष अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा और 60 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई।

रांची स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने आज लालू प्रसाद समेत अन्य अभियुक्तों के सजा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए यह सजा सुनाई। इससे पहले रांची के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ अवैध निकासी मामले में अदालत ने 15 फरवरी को लालू प्रसाद समेत 75 आरोपियों को दोषी करार दिया था, इसमें से 41 को छोड़ कर अन्य को पहले ही सजा सुना दी गयी थी, जबकि तीन आरोपी उस दिन अदालत में सशरीर उपस्थित नहीं हो पाये थे।

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को इससे पहले चारा घोटाले से जुड़े चार मामले में सजा हुई है। इसमें पहला मामला चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकालने का है। इस मामले में लालू यादव समेत 44 आरोपी थे। इस मामले में आरजेडी मुखिया को 5 साल की सजा हुई है। साथ ही इस मामले में 25 लाख रुपये का जुर्माना भी हुई।

चारा घोटाले से जुड़ा दूसरा मामला देवघर सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का है। इसमें लालू यादव समेत 38 पर केस है। इस मामले में आरजेडी सुप्रीमो को साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना लगाया गया है।

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तीसरा मामला चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का है। जिसमें लालू प्रसाद यादव समेत 56 आरोपी थे। इसमें आरजेडी मुखिया को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई गई। चाईबासा कोषागार मामले में 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया।

चौथा मामला दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का है। इसमें लालू प्रसाद यादव को दोषी करार देते हुए दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई गई। इसमें 60 लाख जुर्माना भी लगाया गया

पांचवें मामले में लालू प्रसाद डोरंडा कोषागार से 139.35करोड़ रुपये अवैध निकासी मामले में दोषी करार दिये गये है और सजा के बिन्दुओं पर आज सुनवाई हुई और इसके बाद 5 साल की सजा सुनाई गई और 60 लाख का जुर्माना लगाया गया।

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चारा घोटाला मामले में 30जुलाई 1997 को पहली बार लालू प्रसाद 135 दिन जेल रहे। 28अक्टूबर 1998 को दूसरी बार 73 दिन जेल रहे। 5 अप्रैल 2000 तीसरी बार 11 दिन जेल रहे थे। 28 नवंबर 2000 में आय से अधिक संपत्ति मामले में एक दिन जेल रहना पड़ा था।

3 अक्टूबर 2013 को चारा घोटाले के दूसरे मामले दोषी करार दिये जाने पर 70 दिन जेल रहना पड़ा था। 23 दिसंबर 2017 को चारा घोटाले से तीसरे मामले में सजा हुई और 24 मार्च 2018 को दुमका कोषागार से जुड़े चौथे मामले में सजा हुई , जिसके बाद करीब तीन साल बाद पिछले वर्ष अप्रैल में लालू प्रसाद की जेल से रिहाई हुई थी।

15 फरवरी 2022 को डोरंडा कोषागार से जुड़े मामले में दोषी करार दिये जाने के साथ ही लालू प्रसाद न्यायिक हिरासत में भेजे गये और तबीयत खराब होने के कारण अभी रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं।

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