Uttar Pradesh

गंगा के बांसी घाट पर पंचतत्व में विलीन हुए कल्याण सिंह

बुलंदशहर। राम मंदिर आंदोलन के नायक उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे कल्याण सिंह का आज अपराह्न गंगा किनारे नरोरा स्थित बांसी घाट पर गमगीन माहौल में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

अंतिम संस्कार से पूर्व गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और पूरा क्षेत्र कल्याण सिंह अमर रहे, राम भक्त कल्याण सिंह अमर रहे के नारों से गूंज उठा। पूर्व घोषणा के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शव अलीगढ़ से, उनके पैतृक गांव मंडोली होता हुआ गंगा किनारे बसे नरोरा लाया गया जहां उनको अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की संख्या में उनके समर्थक कार्यकर्ता देश व प्रदेश के मंत्री भाजपा पदाधिकारी, सांसद, विधायक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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भारतीय जनता पार्टी के झंडे में लिपटे उनके शव पर, राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा भी लिपटा था। अलीगढ़ से नरोरा तक पूरे रास्ते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह शव वाहन के पीछे कार से चलते रहे। जैसे ही श्री सिंह का पार्थिव देह नरोरा स्थित बांसी घाट पहुंचा, वहां मौजूद लोगों ने जननायक कल्याण सिंह अमर रहे, राम भक्त कल्याण सिंह अमर रहे, जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए और कार्यकर्ताओं में उनके शव पर पुष्पांजलि अर्पित करने की होड़ लग गई।

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पुलिस की टुकड़ी ने मातमी धुन बजाकर जन प्रिय नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की वेद प्रचारक मेरठ मंडल के अधिष्ठाता रणधीर शास्त्री और गुरुकुल ब्रह्म प्रकाश आश्रम के वेद पाठी पुरोहितों की टीम ने विधि विधान से अंतिम ससकार की विधि पूरी करायी। मुखाग्नि उनके सांसद बेटे राजवीर सिंह ने दी।

इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र व योगी सरकार में राज्य मंत्री संदीप कुमार समेत उनके परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे। जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह सभी व्यवस्थाओं की देख रहे करते नजर आए जिला प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री के शव को रखने के लिए बांसी घाट स्थित बच्चा पार्क में ढाई फुट ऊंचा 24 बाई 24 का पक्का शवस्थल बनवाया था, जिस पर बाबूजी के पार्थिव शरीर को रखा गया।

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इस मौके पर पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी हजारों की संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता बाबूजी के समर्थक मौजूद रहे और सभी ने नम आंखों से बाबूजी को अंतिम विदाई दी। श्री सिंह के पार्थिव शरीर को चार बजकर पांच मिनट पर मुखाग्नि दी गई। पंचतत्व में विलीन करने के लिए एक कुंतल सामग्री 40 किलो देशी घी 21 किलो चंदन एक कुंतल आम व पीपल की लकड़ी का प्रयोग किया गया है।

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