दुःखद : बैग में 5 महीने के बच्चे का शव रख पिता का 200 किलोमीटर सफर

CNE DESK | पश्चिम बंगाल से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बेबस पिता को अपने 5 महीने के…

CNE DESK | पश्चिम बंगाल से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बेबस पिता को अपने 5 महीने के बच्चे का शव बैग में रखकर बस से 200 किलोमीटर का सफर तय करने को मजबूर होना पड़ा। क्योंकि उसके पास एंबुलेस के लिए पैसे नहीं थे। बच्चे के पिता असीम देवशर्मा कालियागंज के डांगीपारा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने मीडिया को अपनी आपबीती सुनाई।

पढ़िए मासूम के पिता की आपबीती

मेरे दो जुड़वां बच्चे थे। गुरुवार (11 मई) को अचानक दोनों की तबीयत खराब हो गई। इसके चलते उन्हें तुरंत कालियागंज स्टेट जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने कहा कि इनकी हालत गंभीर है, इसलिए इन्हें रायगंज मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर रहे हैं। फिर बच्चों को वहां रेफर कर दिया गया। यहां भी उनकी हालत ठीक नहीं हुई। मेरी पत्नी एक बच्चे को लेकर घर लौट गई। हमारे दूसरे बच्चे की हालत ज्यादा खराब होने के कारण उसका इलाज चल रहा था। आगे पढ़ें…

13 मई शनिवार रात मेरे बच्चे की तबीयत और ज्यादा बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई। जब मैं बच्चे को घर ले जाने के लिए एंबुलेस वाले के पास गया तो उसने मुझसे 8 हजार रुपए मांगे यह सुनकर मैं चौंक गया। मेरे पास उतने पैसे नहीं थे। मैं पहले ही बच्चे के इलाज के लिए 16 हजार रुपए दे चुका था। मेरी स्थिति नहीं थी कि मैं उसे इतने ज्यादा पैसे दे संकू। मैंने उससे पैसे कम करने को भी कहा लेकिन वह नहीं माना।

आखिरकार निराश होकर मैंने फैसला किया कि मैं बच्चे को बैग में रखकर ही ले जाउंगा। मैंने बच्चे को बैग में रखा और अस्पताल से अपने घर कालियागंज जाने के लिए बस में बैठ गया। कालियागंज के विवेकानंद चौराहे पर पहुंचकर मैंने कुछ लोगों से मदद मांगी। उन्होंने मेरे लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था की और मैं अपने बच्चे के शव को घर ले जा पाया।

असीम देवशर्मा का आरोप है कि जब उन्होंने अपने बच्चे का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की सहायता मांगी तो 102 योजना के तहत एक एंबुलेंस चालक ने उनसे कहा कि यह सुविधा केवल मरीजों के लिए है, शव ले जाने के लिए नहीं।

भाजपा बोली- राज्य के सभी जिलों का यही हाल है

इस घटना को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने बंगाल सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं चौंकाने वाली हैं। हम सरकारी अस्पतालों में ऐसी घटनाओं की निंदा करते हैं। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी ट्वीट कर घटना के बारे में बताया। TMC की स्वास्थ्य साथी योजना और पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाए।

वहीं,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि इस बेचारे को अपने बच्चे के शव को बैग में लाना पड़ा। उन्हें कोई एंबुलेंस नहीं मिली। पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सुविधा का यह हाल है। दुःख की बात है लेकिन पश्चिम बंगाल के सभी जिलों की यही सच्चाई है।

उत्तराखंड: दफन हुआ चार महिलाओं की हत्या का राज, हत्यारे का शव मिला

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *