पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मौजूदगी में निकली ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ यात्रा

— सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में गूंजे राष्ट्रीय एकता के नारे— देश बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है और निराशा फैली: रावत सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा:…

पूर्व सीएम हरीश रावत की रैली

— सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में गूंजे राष्ट्रीय एकता के नारे
— देश बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है और निराशा फैली: रावत

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘हाथ से हाथ जोड़ों’ यात्रा के दूसरे चरण में आज अल्मोड़ा नगर के मुख्य बाजार में कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मौजूदगी में यात्रा निकाली गई। इस दौरान नगर में राष्ट्रीय एकता के नारे गुंजायमन रहे और यात्रा के जरिये लोगों नफरत को छोड़कर हाथ से हाथ जोड़ने का आह्वान किया गया।

आज यात्रा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि देश बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। आम जनता हताशा, निराशा, महंगाई, बेरोजगारी, आपदा और कुशासन से आजिज आ चुकी है। ऐसे में जनता में आज विश्वास पैदा करना सबसे बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश की जनता में नया विश्वास पैदा करने और जनता की तकलीफों को साझा करने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली है। जिसे देश की जनता का अभूतपूर्व सहयोग और प्यार रहा है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान को बचाने के लिए जनता के बीच हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कमर कसनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता को यात्रा को सफल बनाने के लिए आगे आना होगा।

यात्रा में विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, यात्रा के संयोजक अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी, जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र भोज, महिला जिलाध्यक्ष लता तिवारी, नगराध्यक्ष तारा चन्द्र जोशी, पूर्व प्रांतीय सचिव एवं नगर प्रभारी त्रिलोचन जोशी, वरिष्ठ कांग्रेसी मनोज सनवाल, दीप सिंह डांगी, दिवान सतवाल, ब्लाक अध्यक्ष पूरन सुप्याल, देवेन्द्र बिष्ट, शिवराज नयाल, अमरजीत भाकुनी, पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्र बाराकोटी, महिला जिला महामंत्री राधा बिष्ट, सुनील कर्नाटक, नमित जोशी, पंकज वर्मा, किशन लाल, कार्तिक साह, जिला महासचिव गीता महरा, भगवती मटेला, प्रीति बिष्ट, दीपा साह, शरद चन्द्र साह, शोभा जोशी, हेम चन्द्र जोशी, अल्मोडा जिला प्रभारी महेश शर्मा, सूरज वाणी, सरस्वती मटेला, दीवान सतवाल, देवेंद्र बिष्ट, पूर्व नगर अध्यक्ष पूरन रोतैला, गोपाल चौहान, रोहित रौतेला, अमित बिष्ट, परितोष जोशी, सरस्वती, जया जोशी, नारायण दत्त पांडे, गोपाल शाह, महेश आर्या, लक्ष्मण सिंह, अख्तर हुसैन, अमन अंसारी, नवाज खान, शोभा जोशी, प्रकाश रावत, संजय दुर्गापाल, सुनील जोशी, हीरा सिंह बिष्ट, प्रताप सत्याल, पंकज कार्की, मनोज जोशी, मदन डांगी, कार्तिक शाह, मयंक बिष्ट, नितिन रावत, नवल बिष्ट, वीरेंद्र सिंह बंगारी, मनोज बिष्ट, क्षेत्र पंचायत सदस्य परितोष जोशी, ब्लाक अध्यक्ष देवेंद्र बिष्ट, पूरन सुप्याल, शिवराज नयाल, वैभव पांडे, गौरव वर्मा, मनोज वर्मा, पंकज वर्मा, गिरीश धवन, राजेश पालनी, दिनेश जोशी, कमलेश बिष्ट, अनिल कुमार, प्रकाश जोशी, अनिल चावला, देवेंद्र बिष्ट डिंपल, जीवन भंडारी, सिकंदर पवार, बहादुर अधिकारी, हिमांशु मेहता, प्रदीप बिष्ट सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
प्रेसवार्ता: देश बुरे दौर से गुजर रहा: हरीश

अल्मोड़ा: कांग्रेस की हाथ से हाथ जोड़ों यात्रा में शामिल होने से पूर्व दिग्गज नेता हरीश रावत होटल शिखर में पत्रकारों से मुखातिब हुए। इससे पहले यहां पहुंचने पर उनका कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। पत्रकारवार्ता में श्री रावत बोले कि देश में बुरा दौर चल रहा है। आम जनता हताशा—निराशा, में जी रही है। इसके बावजूद मोदी सरकार का बजट गरीब, किसान व बेरोजगार के हितों से परे है। आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि विकट समस्या महंगाई, बेरोजगारी व आम जनता की आर्थिक मजबूती के लिए बजट में कुछ है ही नहीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य का बजट कम कर दिया गया है। समाज कल्याण के तहत मिलने वाली छात्रवृत्तियों व मानदेय में कटौती कर दी गई है। मनरेगा का बजट कम कर दिया। कुल मिलाकर बेरोजगार, गरीब व किसान व अन्य कमजोर तबके के हित में बजट नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बजट पूंजीपतियों का टैक्स कम करने वाला है।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज हरीश चंद्र सिंह रावत ने कहा कि बड़ी सोच के साथ कांग्रेस ने अपने शासनकाल में आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा स्थापित किया और भाजपा सरकार ने उसे निरस्त कर उसका स्वरूप ही गड़बड़ा दिया। उन्होंने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा का कोई स्वरूप तैयार ही नहीं है। केवल एसएसजे कैंपस अल्मोड़ा को विश्वविद्यालय कह दिया गया। कलेक्ट्रेट हटाए जाने के मसले पर उन्होंने कहा कि हेरिटेज की रक्षा की जाना और उसे बहुआयामी बनाना अच्छी बात है, बशर्ते ऐसे कार्य के कारण जनता को परेशानियां पैदा नहीं होनी चाहिए। मगर अल्मोड़ा में हेरिटेज के नाम पर कलेक्ट्रेट के साथ तहसील तक दूर हटा दी। जिससे लोग परेशानी में पड़े हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं को घोषणा व कागजों तक सीमित बताया। उन्होंने कटाक्ष के लहजे में कहा कि मुख्यमंत्री सुनते अच्छा हैं, लेकिन उन्हें अपनी घोषणाओं को धरातल पर उतारना चाहिए। आखिर कब तक ये घोषणाएं आसमान में लटकी रहेंगी।

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